नई दिल्ली: पाकिस्तानी तालिबान (TTP), एक जिहादी आतंकी संगठन, अब बांग्लादेश में भर्ती और अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है. यह भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि बांग्लादेश की भारत के साथ 4,000 किमी से अधिक की सीमा है. हैरानी की बात यह है कि बांग्लादेश की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियाँ इस खतरे से अनजान लगती हैं.
दो बांग्लादेशी नागरिकों के TTP में शामिल होने के सबूत मिले हैं, जो पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान गए. इनमें से एक की अप्रैल 2025 में वजीरिस्तान में पाकिस्तानी सेना के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई.
जून में मलेशिया ने 36 बांग्लादेशी नागरिकों को आतंकी नेटवर्क से कथित संबंधों के लिए हिरासत में लिया था. TTP मुख्य रूप से पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सक्रिय है.
बांग्लादेश में अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद स्थानीय जिहादी समूहों की गतिविधियाँ भी बढ़ी हैं. जुलाई में बांग्लादेश की एंटी-टेररिज्म यूनिट (ATU) ने शमीन महफूज और मोहम्मद फॉयसाल नाम के दो लोगों को TTP से कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया.
मई में एक बांग्लादेशी डिजिटल आउटलेट, द डिसेंट, ने बताया कि कम से कम आठ बांग्लादेशी नागरिक TTP के सदस्य के रूप में अफगानिस्तान में सक्रिय हैं. इनमें से एक की अप्रैल में पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी थी, जिसकी खबर जुलाई में बांग्लादेशी मीडिया में आई.
हैरानी की बात है कि बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियाँ इन घटनाओं से अनजान लगती हैं. एक मानवाधिकार कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक, आसिफुर रहमान चौधरी ने X पर लिखा कि बांग्लादेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी बार-बार कह रहे हैं कि देश में कोई आतंकी नहीं हैं.
पूर्व आतंकी नेता फिर गिरफ्तार 14 जुलाई को ATU ने शमीन महफूज को नारायणगंज में TTP से संबंधों के लिए गिरफ्तार किया. शमीन पहले जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) का नेता था और 2019 में जमात-उल-अंसार फिल हिंदाल शर्किया का संस्थापक था. उसे 2014 में JMB भर्ती और नवंबर 2023 में विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ आतंकवाद, विस्फोटक और हथियार अधिनियम के तहत 10 मामले दर्ज हैं.
शमीन को अक्टूबर 2024 में जमानत पर रिहा किया गया था. उसने कथित तौर पर कुकी-चिन नेशनल फ्रंट (KNF) के नाथन बोम के साथ मिलकर 2020 में चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में आतंकी प्रशिक्षण शिविर स्थापित किए थे. शमीन और नाथन ढाका विश्वविद्यालय में दोस्त थे.
दो बांग्लादेशी TTP भर्ती अफगानिस्तान गए 2 जुलाई को मोहम्मद फॉयसाल (33) को सावर शहर में TTP से संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया. उसने कथित तौर पर अक्टूबर 2024 में अहमद जुबैर के साथ पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान की यात्रा की थी. जुबैर की अप्रैल 2025 में वजीरिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी थी.
फॉयसाल ने कथित तौर पर बताया कि उसे और जुबैर को इमरान हैदर ने भर्ती किया, जो एक वैमानिकी इंजीनियर है और ऑनलाइन बांग्लादेशी युवाओं को जिहादी विचारधारा के लिए प्रेरित करता है. फॉयसाल और पांच अन्य लोगों के खिलाफ 5 जुलाई को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.
मलेशिया में जून 2025 में 36 बांग्लादेशी नागरिकों को आतंकी नेटवर्क से कथित संबंधों के लिए हिरासत में लिया गया. ये लोग फैक्ट्री, निर्माण और सेवा क्षेत्रों में काम करने गए थे. पुलिस के मुताबिक, यह नेटवर्क सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए आतंकी विचारधारा फैलाता था और सीरिया व बांग्लादेश में IS समूह को फंड भेजने के लिए इंटरनेशनल फंड ट्रांसफर और ई-वॉलेट का इस्तेमाल करता था.
इन गिरफ्तारियों के बावजूद, TTP की बांग्लादेश में मौजूदगी एक चिंताजनक स्थिति है, खासकर तब जब देश पहले से ही राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. यह भारत के लिए भी चिंता का विषय हो सकता है.