हिंदुस्तान पीओके ले लेगा, ये तो आप खूब सुन रहे होंगे लेकिन पाकिस्तान पीओके को बचाने के लिए क्या-क्या हथकंडे अपना रहा है, ये सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे. पहले सेना के दम पर प्रदर्शनकारियों को रोकने की नापाक कोशिश शहबाज सरकार ने की, पर जब लोगों ने कह दिया कि हम नहीं रुकने वाले, तो पाकिस्तानी हुक्मरानों ने नया लॉलीपॉप पकड़ा दिया.
ख़बर है कि शहबाज शरीफ की सरकार ने इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में विशेष बैठक की गई, और पीओके के लिए तत्काल प्रभाव से 23 अरब रुपये का बजट मंजूर किया गया. यानि 2300 करोड़ रुपये देकर शहबाज सरकार पीओके की जनता का आवाज दबाना चाहती है.
जिसके बाद हिंदुस्तान में ये आवाज उठने लगी है कि अगर पाकिस्तान पीओके को 2300 करोड़ खर्च कर बचाना चाहता है तो हमें 5 हजार करोड़ खर्च कर इसे हिंदुस्तान में मिला लेना चाहिए, मोदी-शाह की जोड़ी और जयशंकर-राजनाथ का विभाग चाहे जो भी प्लान बना रहो, पर वित्त मेंत्री निर्मला सीतारमण ठीक वैसे ही पीओके के लिए बजट लाना चाहिए, जैसे शाह ने पीओके के लिए सीटों का ऐलान संसद में किया था.
हालांकि ये वक्त भी जल्दी ही आने वाला है, जब पीओके में तिरंगा फहराएगा, और ये बात पाकिस्तान भी जानता है, फिर भी इस तरह का बजट लाकर क्या साबित करना चाहता है, ये पाकिस्तान के भी कई दिग्गज नहीं समझ पा रहे हैं और हर कोई यही पूछ रहा है कि कंगाली के इस दौर में पाकिस्तान इतने पैसे लाएगा कहां से और इतने पैसे से क्या POK में विद्रोह की आवाज थम जाएगी, कुछ दिनों पहले ही पीओके के सामाजिक कार्यकर्ता शब्बीर चौधरी ने ये तक कह दिया था कि
पीओके में हो रहे प्रदर्शनों से पाकिस्तान परेशान है. यहां की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि पीओके के लोग नारे लगा रहे हैं और पीएम मोदी से मदद मांग रहे हैं. इनके नारों में कहा जा रहा है कि ‘हमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी दिलाने के लिए मोदी से कहो. हमारी आत्माओं को बचाएं, हम भूख से मर रहे हैं. कृपया यहां आएं और हमारी मदद करें.
अब जरा आप सोचिए, जिस पाकिस्तान के पास आटा खरीदने के पैसे नहीं है, वो करोड़ों-अरबों घाटा सहकर कब तक पीओके के लिए इस तरह से बजट देता रहेगा, पीओके की जनता असलियत जान चुकी है, इसीलिए जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर कहते हैं कि पीओके लेकर रहेंगे, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह कहते हैं कि पीओके भारत का था और भारत का ही रहेगा. तो एक बात साफ हो जाती है कि पाकिस्तान अपने नापाक चाल से ज्यादा दिनों तक पीओके को अपने पास नहीं रख पाएगा.
कुछ लोग हिंदुस्तान को ये डराने की कोशिश कर रहे हैं कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी, जिसका जवाब पीएम मोदी ने अपने बयान में दे दिया है कि अगर पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी तो हम पहना देंगे तो मोदी सरकार का इरादा समझ लीजिए कि तीसरी बार मोदी सत्ता में आए तो क्या होने वाला है.
यही वजह है कि मोदी का ये बयान पाकिस्तान में बार-बार सुना जा रहा है और पाकिस्तानी सेना से लेकर वहां की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट तक को ये बात नहीं समझ आ रही है कि हम जो पहले कश्मीर में करवाते थे, वो अब हमारे यहां ही कैसे होने लगा है, आप ये जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि पीओके पर जब-जब किसी भारतीय नेता का बयान आता है, पाकिस्तान में लाहौर से लेकर इस्लामाबाद तक मीटिंग शुरू हो जाती है, ये ठीक वैसा ही है जैसे बाबा के बुलडोजर से डरकर यूपी मे माफिया छिपने का ठिकाना ढूंढने लगते हैं.
आज हालत ये है कि शहबाज शरीफ की सरकार ये सोच रही है कि पहले कश्मीर में जो हम करवाते थे, नारा-ए-तकबीर का नारा लगवाते थे और पाकिस्तान का झंडा फहराते थे, वही अब हमें उल्टा पड़ रहा है, अब पीओके में हिंदुस्तान का झंडा लहरा रहा है और जयश्रीराम का नारा गूंज रहा है. और वो वक्त भी जल्द आएगा जब दिल्ली वाला आदेश पीओके में लागू होगा.