कोलकाता: हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ शुक्रवार को कोलकाता और अहमदाबाद की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली. शुक्रवार की नमाज के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोगों ने शहर की प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया और कानून के खिलाफ नारे लगाए, जिससे देश भर में विवाद छिड़ गया है. अहमदाबाद में विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने भी विधेयक के प्रावधानों का विरोध करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
बता दें कि राज्यसभा में 128 मतों के पक्ष में और 95 मतों के विपक्ष में पारित हुए इस विधेयक को पहले लोकसभा में 288 सांसदों ने समर्थन दिया था और 232 ने इसका विरोध किया था. अब इसे कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी का इंतजार है. विधेयक में पेश किए गए प्रमुख बदलावों में वक्फ संस्थानों द्वारा वक्फ बोर्डों में अनिवार्य योगदान को 7% से घटाकर 5% करना और ₹1 लाख से अधिक आय वाले संस्थानों के लिए राज्य द्वारा नियुक्त ऑडिटर को अनिवार्य बनाना शामिल है.
इसके अतिरिक्त, इसमें पारदर्शिता में सुधार के लिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल का प्रस्ताव है. एक प्रमुख प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को किसी भी वक्फ घोषणा से पहले उनकी विरासत मिल जाए, जिससे विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों को सुरक्षा मिलती है.
यह विधेयक 2013 से पहले के नियमों को भी बहाल करता है, जिससे कम से कम पांच साल तक अपने धर्म का पालन करने वाले मुसलमानों को अपनी संपत्ति वक्फ को समर्पित करने की अनुमति मिलती है. समर्थकों का तर्क है कि यह विधेयक पारदर्शिता बढ़ाता है और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करता है, जबकि आलोचक इसे धार्मिक स्वायत्तता का उल्लंघन मानते हैं.