नई दिल्ली: भारत में शराब पीना बुरा माना जाता है, क्योंकि लोग पहले थोड़े से शरू करते हैं, फिर धीरे-धीरे आदत पड़ जाती है, जिसका असर होता है कि लोग बीमार पड़ जाते हैं. शराब का अत्यधिक सेवन कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं लेकर आता है. साथ ही सामाजिक समस्याओं को भी उत्पन्न करता है. दावा किया जाता है कि नशे में लोग ज्यादा हिंसक हो जाते हैं और इस दौरान वह जुर्म करने से भी नहीं कतराते हैं.
यही कारण है कि भारत के कई राज्यों में शराब को बैन किया गया है. ऐसा ही एक राज्य के पूर्वी भारत का मिजोरम, जहां अभी शराबबंदी लागू है. लेकिन अब खबर सामने आई है कि यहां जल्द ही लोगों बीयर पीने की छूट मिल सकती है. यानी लोग बीयर को छोड़कर अन्य अंग्रेजी शराब को हाथ नहीं लगाएंगे और अगर हाथ लगाएंगे तो यह कानूनी अपराध होगा.
इस लेकर मिजोरम विधानसभा में बाकायदा एक विधेयक पेश करने की बात कही जा रही है, ताकि शराबबंदी से जुड़े कानून में संशोधन किया जा सके. अगर विधेयक पास हो जाता है तो मिजोरम के लोग फल और चावल से बनी शराब और बीयर पी सकते हैं. साथ ही इस बीयर के उत्पादन, वितरण और बिक्री की भी अनुमति मिलेगी. हालांकि वर्तमान मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा शराबबंदी कानून को पूरी तरह से हटाने का इरादा नहीं है.
दरअसल, इस विधेयक को जोरम पीपल्स मूवमेंट (ZPM) सरकार पेश करने वाली है. इसके तहत स्थानीय स्तर पर बनने वाली शराब और बीयर को बेचने के लिए विक्रेताओं को लाइसेंस जारी किया जाएगा. साथ ही पारंपरिक मिजो शराब की बिक्री को भी कानूनी मंजूरी दी जाएगी और लोग आसानी इसे खरीद सकेंगे.
बता दें कि मिजोरम में साल 1997 पूर्ण रूप से शराबबंदी कानून लागू की गई थी. लेकिन 2015 में दोबारा से कानून बनाकर इसे हटा दिया गया था. फिर 2019 में पुण: शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया. हालांकि मीडिया से बात करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी दुकानदारों को शराब और बीयर की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी, केवल वही शराब बेच सकेंगे, जो जिनके पास लाइसेंस होगा. साथ ही इसपर नियंत्रण भी रखा जाएगा.