उधर जेडीयू-बीजेपी में सीएम फेस फाइनल, इधर तेजस्वी ने चुनाव से पहले ही मान ली हार?

Abhishek Chaturvedi 16 Apr 2025 09:24: PM 3 Mins
उधर जेडीयू-बीजेपी में सीएम फेस फाइनल, इधर तेजस्वी ने चुनाव से पहले ही मान ली हार?
  • जो तेजस्वी कह रहे थे हम बनेंगे मुख्यमंत्री, दिल्ली दरबार में जाते ही बदले सुर, लालू भी नहीं बना पाएंगे बेटे को CM?
  • जेडीयू-बीजेपी में सब फाइनल, निशांत बोले, शाह अंकल ने कहा है पापा बनेंगे सीएम, उधर लगे पोस्टर, 2025 से 2030 फिर नीतीश
  • सभी विधायकों और MLC को आदेश, जितनी भीड़ लाइएगा, उतना फायदा मिलेगा, 24 अप्रैल को बिहार में कुछ बड़ा होगा!

नई दिल्ली: जेडीयू और बीजेपी के बीच सीएम फेस को लेकर चल रही आशंकाएं लगता है खत्म हो गई है. बीते 48 घंटे में 2 ऐसी तस्वीरें बिहार से सामने आई, जिसने ये बता दिया कि नीतीश निश्चिंत हैं, लेकिन खुद के सीएम होने का दावा करने वाले तेजस्वी दिल्ली दरबार से लौटने के बाद मुरझा गए हैं. ये हैं नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार, जो साफ कहते हैं अमित शाह अंकल ने कह दिया है पापा ही 2025 चुनाव के बाद सीएम बनेंगे.

वो 100 फीसदी फिट हैं. इस बयान के कुछ घंटे बाद ही पटना जेडीयू कार्यालय से एक तस्वीर सामने आती है, जिसमें लिखा 2025 से 2030 फिर से नीतीश, लेकिन सवाल है कैसे, क्या जेडीयू के नेता आरजेडी और कांग्रेस को कमजोर समझने की भूल कर रहे हैं, आरजेडी अभी से ही इस बात को जोर-शोर से उठाने में लगी है कि चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन बाद में बीजेपी महाराष्ट्र की तरह सीएम फेस बदल देगी.

कुछ दिनों पहले ही हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने ये कहकर कई सवालों को जन्म दे दिया था कि सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बिहार में जीत हासिल करेंगे, जबकि सम्राट चौधरी बिहार के डिप्टी सीएम हैं, जिसके बाद बिहार बीजेपी को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा, और उसके बाद ये पोस्टर सामने आया, जो ये बताता है नीतीश की दावेदारी मजबूत है, 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली भी होने वाली है, जिसे लेकर तैयारियां जोरों-शोरों पर है.

इस रैली से सीमांचल और मिथिलांचल में एनडीए को बड़ी मजबूती मिल सकती है, शायद यही वजह है कि केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो ये तक कह दिया कि सभी विधायक और MLC जितनी भीड़ लेकर आएंगे, उतना ही फायदा होगा, कम से कम एक विधायक 5 हजार लोगों को लेकर आएं. रैली में पीएम मोदी और नीतीश कुमार एक ही मंच पर होंगे, तो क्या ये भी एक तरीके से शक्तिप्रदर्शन होगा या फिर चुनावी हूंकार भर है. राजनीति के जानकार कहते हैं बिहार से सामने आ रही अपराध की घटनाएं, और उस पर विपक्ष की सियासत का जवाब अगर नीतीश ने नहीं ढूंढा तो मुश्किल बढ़ सकती है.

यूपी में जैसे अखिलेश ने पीडीए बनाया था, कुछ ऐसी ही तैयारी तेजस्वी की भी है, लेकिन अब तेजस्वी के सामने संकट ये है कि इंडिया गठबंधन उन्हें सीएम उम्मीदवार बनाने को तैयार नहीं है. कुछ दिन पहले तक जो तेजस्वी कह रहे थे हम सीएम बनेंगे, वो जैसे ही दिल्ली पहुंचे, कांग्रेस नेताओं के साथ मीटिंग हुई, लालू यादव ने अपने बेटे को सीएम बनाने की पैरवी की, कांग्रेस हाईकमान ने कुछ भी वादा करने से इनकार कर दिया, जिसे लेकर तेजस्वी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चेहरे की चिंता क्यों कर रहे हैं. ये हमलोगों का मुद्दा है. बैठक कर विचार करेंगे तो सारी चीजें सामने आ जाएगी. इसके लिए आपलोगों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. पटना में बैठक होगी जिसमें फैसला हो जाएगा.

हालांकि तेजस्वी के लिए संकट की बात ये भी है कि वीआईपी पार्टी वाले मुकेश सहनी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से मुलाकात की है, और ख़बर है कि वो गठबंधन छोड़कर एनडीए में आ सकते हैं. जिसका सीधा सा मतलब है आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती है, कन्हैया कुमार जिस हिसाब की तैयारियों में जुटे हैं, उसने तेजस्वी के सीएम बनने के दावे को कमजोर कर दिया है, कहीं ऐसा न हो तेजस्वी और कन्हैया सीएम फेस पर लड़ते रहें और इधर नीतीश फिर बाजी मार ले जाएं. 

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