ये हैं सिंघम आईपीएस मनोहर सिंह जडेजा, जिनका एक्शन देख पत्थरबाज कांपते हैं, जो पत्थर उठाने से पहले ही पत्थरबाजों की चाल भांप लेते हैं, सोमनाथ मंदिर के आसपास अवैध कब्जा करने वालों के घर और ठिकानों पर एक साथ 58 बुलडोजर लेकर पहुंचते हैं, लेकिन 102 एकड़ जमीन पर बसावट ऐसी थी कि कभी भी कुछ भी हो सकता था, जिन लोगों ने 320 करोड़ की जमीन पर कब्जा किया था, वो कब क्या कर सकते थे, किसी को नहीं पता था, ऐसे हालात में कुछ बाहरी लोग भी माहौल बिगाड़ने में लग जाते हैं औऱ ये हाल हल्द्वानी से लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों तक में हम देख भी चुके हैं, लेकिन आईपीएस मनोहर सिंह जडेजा ने ऐसा दिमाग लगाया कि किसी की बुलडोजर रोकने की छोड़िए, एक कंकड़ उठाने तक की हिम्मत नहीं हुई.
इन्होंने हर संदिग्ध की पहले निगरानी करवाई, सैकड़ों पुलिस फोर्स को रिजर्व में रखा, और एक साथ जब काफिला लेकर उस जगह पर पहुंचे, जहां अवैध बस्तियां बरसों पहले बसाई गई थी, तो इतनी गाड़ियां देखकर सैकड़ों लोग कुद पीछे हट गए, लेकिन 150 लोग ऐसे भी थे, जो बुलडोजर के आगे सीना चौड़े कर खड़ा होना चाहते थे, ये कह रहे थे कि हम किसी कीमत पर बुलडोजर नहीं चलने देंगे, जिन्हें पहले वहां खड़े पुलिसकर्मियों, दर्जनों दारोगा और कई डीएसपी ने समझाया, लेकिन जब लाख समझाने के बाद भी वो नहीं माने, तो एसपी जडेजा ने सीधा आदेश दिया, और उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया, उसके बाद पूरे इलाके में बुलडोजर बेरोकटोक गरजा, और उसके बाद क्या हाल होता है, ये तस्वीरों में आप देख सकते हैं, तीन तस्वीरों से इनके एक्शन की कहानी समझ सकते हैं.
पहली तस्वीर में बुलडोजर अवैध मस्जिद, मदरसा, और ईदगाह पर चल रहा है, दूसरी तस्वीर में मलबे को ट्रैक्टर ट्रॉली और डंपर में भरा जा रहा है, जबकि तीसरी तस्वीर में ये खुद मोर्चा संभालते नजर आ रहे हैं, जिसे देखकर हर कोई यही कह रहा है कि आईपीएस हो तो ऐसा. लेकिन तारीफ सिर्फ सिंघम आईपीएस की ही नहीं बल्कि तेजतर्रार डीएम साहब की भी हो रही है, जिनका नाम है दिग्विजय सिंह जडेजा, जो कहते हैं हमने पूरी कानूनी प्रक्रिया अपनाई, इन्हें नोटिस दिया, लेकिन जगह खाली नहीं हुई तो आखिर में हमें बुलडोजर चलाना पड़ा.
हालांकि कुछ लोग इस बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल भी उठा रहे हैं, उन लोगों की तस्वीरें दिखा रहे हैं, जिनका ठिकाना इस बुलडोजर कार्रवाई में उजड़ गया, बीते दिनों उत्तर प्रदेश के बहराइच में जब बुलडोजर चला, तब भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आई थी, कई महिलाओं ने सीधा सरकार औरौ प्रशासन से पूछा था कि हम कहां जाएं, क्या करें.
हालांकि बहराइच के बुलडोजर एक्शन की कहानी अलग थी, वहां हाईकोर्ट ने बुलडोजर चलाने का आदेश दिया था, जिसमें पुनर्वास की बात भी हुई होगी, लेकिन सोमनाथ की कहानी अलग है, यहां मथुऱा के श्रीकृष्णजन्मभूमि के आसपास ककी जमीन की तरह बस्ती बसाकर सरकारी जमीन कब्जाने की तैयारी थी, बाद में इसी जमीन पर फिर हो सकता है, वक्फ बोर्ड दावा ठोंक देता, अगर ऐसा नहीं भी होता तो सोमनाथ मंदिर के पास 102 एकड़ जमीन कब्जाने का मकसद क्या था, ये भी पुलिस को पता करना चाहिए.