नई दिल्ली: म्यांमार-थाईलैंड सीमा स्थित म्यावाडी क्षेत्र में लगभग 2000 भारतीयों के साइबर क्राइम में शामिल होने का दावा किया जा रहा है, जो सशस्त्र मिलिशिया समूहों द्वारा नियंत्रित किए जा रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि इन लोगों में से ज्यादातर फर्जी नौकरी के प्रस्तावों के लालच में म्यांमार गए थे. इन लोगों को भारत और अमेरिका में लोगों को निशाना बनाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. साथ ही दावा यह भी किया गया है कि कुछ लोगों को बचाया भी गया है.
दूतावास की ओर से चेतावनी दी है कि इस क्राइम में 2000 से कहीं अधिक लोग शामिल हो सकते हैं और इस कार्य में शामिल लोगों को पता भी नहीं है कि वह गुनाह कर रहे हैं. वहीं वाणिज्य दूतावास के अधिकारी भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए काम कर रहे हैं. दूतावास ने चेतावनी दी है कि जो लोग स्वेच्छा से इन क्राइम में शामिल हैं, वे पीड़ित नहीं बल्कि अपराधी हैं. भारतीय अधिकारियों ने नौकरी चाहने वालों से म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड में यात्रा करने से पहले रोजगार के प्रस्तावों की जांच कराने की अपील की है.
साइबर अपराध का केंद्र है म्यावाडी
दावा किया जा रहा है कि म्यावाडी साइबर अपराध के लिए एक कुख्यात केंद्र बन गया है, जहां श्रमिकों पर दबाव डालकर ऑनलाइन धोखाधड़ी में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाता है. नौकरी के झूठे वादों के शिकार हुए कई पीड़ित, धोखाधड़ी केंद्रों में फंस गए हैं, जहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं है, जब तक कि वे बड़ी फिरौती न दें. चूंकि यह क्षेत्र मिलिशिया समूहों द्वारा नियंत्रित है, इसलिए हस्तक्षेप करने के प्रयास जटिल हो गए हैं, हालांकि भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी मदद मांगने वालों को निकालने के लिए काम कर रहे हैं.
बिजली-इंटरनेट पर लगाई गई पाबंदी
वैश्विक दबाव के चलते थाई अधिकारियों ने म्यांमार के उन क्षेत्रों में बिजली, इंटरनेट और ईंधन की आपूर्ति काटकर कार्रवाई की है जहां ये ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा, चीन ने थाईलैंड से सीमा पार बिजली आपूर्ति नेटवर्क पर लगाम लगाने का आग्रह किया है. इन उपायों के बावजूद, स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसमें कई भारतीय खतरनाक जाल में फंस गए हैं. जबकि कम से कम 150 व्यक्तियों की पहचान पीड़ितों के रूप में की गई है, अधिकारियों को संदेह है कि वास्तविक संख्या बहुत अधिक है क्योंकि कई कथित तौर पर भारतीय अधिकारियों को सूचित किए बिना स्वेच्छा से काम कर रहे हैं.
600 से अधिक भारतीयों को बचाया गया
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मदद मांगने वालों की सहायता के लिए प्रयास चल रहे हैं. 18 फरवरी को, तीन भारतीय म्यावाडी में एक जगह से भागने में सफल रहे और उन्हें यांगून पहुंचने में दूतावास द्वारा मदद की गई. अब उन्हें भारत वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि, अधिकारी आगाह करते हैं कि म्यावाडी की अराजक प्रकृति बड़े पैमाने पर बचाव प्रयासों को जटिल बनाती है. जून 2022 से अब तक म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड में 600 से अधिक भारतीयों को बचाया गया है.