Mohan Bhagwat meets CM Yogi: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) और सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) 5 महीने के भीतर दूसरी बार मिलते हैं. पहली मुलाकात लोकसभा चुनाव के वक्त गोरखपुर में होती है, तब सीएम बदले जाने की चर्चा थी और दूसरी मुलाकात अब मथुरा के गौतम कुटीर में हुई है. करीब 45 मिनट तक दोनों नेताओं के बीच 6 बड़े मुद्दे पर गंभीर मंथन हुआ, जिसमें एक मुद्दा बहराइच भी था. वहां जो कुछ भी हुआ उसे देखकर आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत बेहद दुखी हैं. शायद इसीलिए ये मुलाकात हिंदुओं के पवित्र धर्मस्थल मथुरा में रखी गई और वहां से हिंदुओं को बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है.
मथुरा के परखम फरह गांव में योगी शाम 6 बजकर 32 मिनट पर पहुंचे, जबकि रात करीब 9 बजकर 7 मिनट पर बाहर निकले. जिस समय दोनों की मीटिंग हो रही थी, वहां मीडिया को बाहर ही रोक दिया गया था. लेकिन जो ख़बरें आई वो इशारा करती हैं कि मीटिंग भले ही मथुरा में हुई लेकिन वहां बहराइच, मुजफ्फरनगर और बरेली में हुई घटनाओं पर भी बातचीत हुई. बहराइच में रामगोपाल मिश्रा के साथ जो हुआ, उसके बाद हिंदू पक्ष को ही वहां आरोपी बता देना, बीजेपी विधायक की ओर से अपने ही कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना और फिर दूसरे कपिल सिब्बल का पैदा होना, ये इशारा करता है, बहराइच में प्लानिंग बड़ी थी.
स्क्रिन पर दिख रहे इस साहब का नाम है, वकील कलीम हाशमी जो बहराइच में हुई घटना के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के वकील हैं. जब आरोपियों का घर गिराने का नोटिस PWD ने दिया तो ये सीधा इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए और 15 दिनों तक कार्रवाई पर रोक लग गई. योगी सरकार ने इस बार PWD विभाग के जरिए नोटिस जारी करवाकर बुलडोजर मॉडल का तरीका बदला लेकिन वकील कलीम की दलीलों में इतना दम था कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक के जज साहब ने योगी सरकार के एक्शन पर रोक लगा दी और अब 15 दिन बाद क्या होगा.
बुलड़ोजर मॉडल का कौन सा तोड़ योगी सरकार निकालेगी, ये देखने वाली बात होगी. क्योंकि चर्चा ऐसी भी है कि योगी के न्याय मॉडल से मोहन भागवत खुश हैं और इसे वो कई राज्यों में लागू करवाना चाहते हैं. जिसकी झलक आपने गुजरात से लेकर मध्य प्रदेश तक देखी भी होगी. यही वजह है कि मोहन भागवत और योगी जब मिलते हैं, तो मीटिंग में दूसरे राज्यों की भी बात होती है.
पांच मुद्दों पर योगी और भागवत के बीच हुई चर्चा
नरेन्द्र मोदी जबसे प्रधानमंत्री बने हैं तब से सार्वजनिक तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ कम ही नजर आए हैं. पीएम बनने के 9 साल बाद साल 2023 में मोदी और भागवत एक कार्यक्रम में दिखे, उसके बाद साल 2024 में जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो मोदी और भागवत की तस्वीर सामने आई. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि दोनों के बीच कोई बड़ी खाई पैदा हो गई हो. लेकिन अगर कोई खाई है तो शायद योगी और भागवत की मुलाकात के बाद वो खत्म होने की संभावना है.