नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक बांग्लादेशी उदारवादी ब्लॉगर को राज्य में बिना वैध दस्तावेजों के अवैध रूप से रहने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी पुलिस जिले के अंतर्गत कल्याणी थाने द्वारा एक सप्ताह लंबी जांच के बाद हुई, जो खुफिया सूचना पर आधारित थी कि संदिग्ध लंबे समय से रह रहा था और अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहा था.
पुलिस सूत्रों ने व्यक्ति की पहचान मुफ्ती अब्दुल्लाह हाफिज अल मसूद के रूप में की, जो महाबुर रहमान का पुत्र है और बांग्लादेश के पिरोजपुर जिले के नजीरपुर इलाके का निवासी है. सूचना के आधार पर कल्याणी पुलिस की एक टीम ने नदिया जिले के गोकुलपुर इलाके में किराए के मकान से मसूद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया.
अधिकारियों के अनुसार, उसने शुरू में दावा किया कि उसके पास वैध पासपोर्ट और वीजा है, लेकिन संबंधित अधिकारियों से सत्यापन करने पर पता चला कि दोनों दस्तावेज बहुत पहले समाप्त हो चुके हैं. जांच से पता चला कि मसूद 2017 में वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत आया था, जो 2020 में समाप्त हो गया. बाद में उसका पासपोर्ट 2024 में नवीनीकृत हुआ, लेकिन उसने नया वीजा या निवास परमिट नहीं लिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ''यह बांग्लादेशी नागरिक 2017 में वैध पासपोर्ट और वीजा के साथ भारत आया था, लेकिन उसका वीजा और पासपोर्ट दोनों 2020 में समाप्त हो गए. वीजा समाप्त होने के बावजूद उसने बिना किसी वैध दस्तावेज के हमारे देश में अवैध रूप से ठहराव किया और कोई प्रोटोकॉल नहीं अपनाया. व्यक्ति को कानून की संबंधित धाराओं, जिसमें विदेशी अधिनियम शामिल है, के तहत गिरफ्तार किया गया. अदालत में पेश करने पर माननीय न्यायाधीश ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.''
प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि मसूद बांग्लादेश में खुद को उदारवादी ब्लॉगर बताता था, जो यूट्यूब पर नास्तिकता और धार्मिक मान्यताओं पर सवाल उठाने वाले वीडियो पोस्ट करता था. कट्टरपंथी समूहों से बैकलैश और धमकियों के बाद वह 2017 में सुरक्षा की तलाश में भारत भाग आया था.
वीजा समाप्त होने के बाद वह छिपता रहा और पहचान से बचने के लिए बार-बार जगह बदलता रहा. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां, जिसमें सीआईडी भी शामिल है, जांच में जुड़ गई हैं ताकि मसूद की पृष्ठभूमि और ऑनलाइन गतिविधियों की पुष्टि की जा सके. उसके किराए के मकान के निवासियों से भी पूछताछ की जा रही है। आगे की जांच से तय होगा कि अतिरिक्त आरोप लगेंगे या निर्वासन की कार्यवाही शुरू होगी.