नई दिल्ली: एचसीएल टेक्नोलॉजीज के फाउंडर शिव नादर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दानवीरों की दुनिया में उनका कोई मुकाबला नहीं. एडलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 के अनुसार, उन्होंने इस साल कुल 2,708 करोड़ रुपए का योगदान दिया, जो रोजाना करीब 7.4 करोड़ रुपए के बराबर बैठता है. यह लगातार चौथा साल है जब वे देश के सबसे बड़े दानदाता बने हुए हैं.
दूसरे नंबर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनका परिवार काबिज हैं, जिनका दान 626 करोड़ रुपए रहा. उनकी प्राथमिकता शिक्षा, हेल्थकेयर, रूरल डेवलपमेंट और महिलाओं के सशक्तिकरण पर केंद्रित रही. तीसरी पोजिशन पर बजाज फैमिली ने कब्जा जमाया, जिन्होंने 446 करोड़ रुपए दिए – यह पिछले साल से 27 फीसदी ज्यादा है और उनके सामाजिक कार्यों की मजबूती को दिखाता है.
कुमार मंगलम बिड़ला फैमिली चौथे स्थान पर हैं, जिनका योगदान 440 करोड़ रुपए का रहा. वहीं, गौतम अडानी और उनका परिवार 386 करोड़ रुपए देकर पांचवें नंबर पर पहुंचे. टॉप टेन में नंदन नीलेकणी, हिंदुजा ब्रदर्स, रोहिणी नीलेकणी (जो महिलाओं में सबसे आगे हैं), सुधीर-समीक्षा मेहता और सायरस-अदार पूनावाला जैसे दिग्गज भी शामिल हैं. ये सभी शिक्षा, स्वास्थ्य, कला-संस्कृति और अन्य सामाजिक मुद्दों पर फोकस कर रहे हैं.
यह लिस्ट बताती है कि भारत के बड़े बिजनेसमैन सिर्फ कारोबार ही नहीं चला रहे, बल्कि समाज को मजबूत बनाने और अगली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य गढ़ने में भी पूरी तरह जुटे हैं. कुल मिलाकर, देश के टॉप परोपकारियों ने इस साल 10,380 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान किया, जो तीन साल पहले से 85 फीसदी ज्यादा है!