नई दिल्ली: वहीं शांभवी ने इसे मानवीय भूल बताया और कहा कि इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. वीडियो पोलिंग बूथ के बाहर का है, जिसमें 27 साल की शांभवी अपने पिता जद(यू) नेता अशोक चौधरी और मां नीता चौधरी के साथ कैमरों के सामने पोज दे रही हैं. परिवार ने अभी-अभी वोट डाला था और मीडिया को अपनी स्याही लगी उंगलियां दिखा रहा था. क्लिप में शांभवी पहले दाहिना हाथ उठाकर स्याही वाली उंगली दिखाती हैं, फिर जल्दी से बायां हाथ उठाती हैं, जिसमें भी स्याही का निशान है. यह पल कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर होने लगा.
विवाद के बीच शांभवी चौधरी ने कहा कि पोलिंग अधिकारी ने गलती से उनके दाहिने हाथ पर स्याही लगा दी, लेकिन प्रिजाइडिंग ऑफिसर ने तुरंत सुधार करते हुए स्टाफ से बाएं हाथ पर लगाने को कहा. ''इसी वजह से दोनों उंगलियों पर निशान हैं,'' उन्होंने स्पष्ट किया और बताया कि उन्होंने एक वीडियो में भी यह बात साफ की है. वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी की राष्ट्रीय प्रवक्ता कंचना यादव ने एक्स पर वीडियो शेयर कर लिखा: ''यह तो फ्रॉड का नया लेवल है. ये एलजेपी सांसद शांभवी चौधरी हैं. दोनों हाथों पर स्याही, मतलब दो बार वोट डाला. जब यह पकड़ा गया तो उनके पिता अशोक चौधरी आंखों से इशारा करते दिखे. चुनाव आयोग, यह कैसे हो रहा है? कौन जांच करेगा?''
कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया पर उनकी तलोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में वोट डालने के बाद उनके दोनों हाथों पर स्याही के निशान दिख रहे हैं. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें दो बार वोट डालने का आरोप लगाया, तो कुछ ने कहा कि यह पोलिंग बूथ पर सामान्य गलती की वजह से हुआ होगा.स्वीरें शेयर कर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए व्यंग्यपूर्ण एक लाइन लिखी. कई यूजर्स ने वीडियो को कथित गड़बड़ी का सबूत मानते हुए कहा. एक यूजर ने लिखा, ''उनका चेहरा सब बता रहा है. लगता है कैमरे पर कुछ ज्यादा ही खुल गया.'' दूसरे ने पोस्ट किया, ''भारत में चुनाव प्रक्रिया मजाक है... अकेला @ECISVEEP ही इसका कारण है.'' कुछ ने व्यंग्य करते हुए चुनाव आयोग को टैग किया. ''वाह @ECISVEEP! आपकी पारदर्शिता, प्रभावशीलता और सुंदरता वाकई काबिल-ए-तारीफ है. एक पोस्ट में लिखा गया, दक्षिण अफ्रीका के चुनाव प्रमुख आपसे सीखने को बेताब हैं कि ऐसे शानदार नतीजे कैसे हासिल किए जाते हैं.''
एक अन्य यूजर ने सीधे लिखा, ''एनडीए वालों को 2-2 वोट की इजाजत है क्या @ECISVEEP?'' आलोचना के बीच कई यूजर्स ने सांसद का बचाव किया और कहा कि वायरल दावा भ्रामक है तथा ऐसी डबल स्याही की घटनाएं पोलिंग बूथों पर आम हैं. एक यूजर ने लिखा, ''आप उनसे दूसरी उंगली पर भी स्याही लगवाने को कह सकते हैं. पिछली बार जब मेरी छोटी बहन (तब 8 साल की) बूथ गई थी, तो उसने अच्छे से मांगने पर उसकी उंगली पर भी स्याही लगा दी. इसका मतलब यह नहीं कि उसने वोट डाला. विपक्ष इतना बेबस हो गया है कि यही सब बचा है!''
एक अन्य ने स्पष्ट किया, ''चुनाव के लिए हाथ और उंगली फिक्स होती है. दो अलग हाथों पर निशान होने से दो बार वोट नहीं डाला जा सकता.'' कई यूजर्स ने समझाया कि पोलिंग स्टाफ अक्सर गलत हाथ या उंगली पर स्याही लगा देते हैं और बाद में सुधार करते हैं. एक यूजर ने कहा, ''जब आप पहले दाहिना हाथ देते हैं और पोलिंग अधिकारी नोटिस नहीं करते, तो ऐसा हो जाता है. सामान्य गलती. डबल वोटिंग रोकने के लिए बाएं हाथ पर दोबारा लगा देते हैं.''
एक और कमेंट था, ''कभी गलत उंगली पर लगा देते हैं, लेकिन जब बताया जाता है तो सही उंगली पर दोबारा लगा देते हैं. इससे दो बार वोट नहीं पड़ता.'' भारत में पोलिंग अधिकारी आमतौर पर वोटर की बाईं तर्जनी उंगली पर अमिट स्याही लगाते हैं. लेकिन अगर वोटर गलती से दाहिना हाथ आगे कर दे, तो अधिकारी सही जगह पर दोबारा लगा देते हैं. यह एक छोटी प्रक्रियात्मक गलती है जो डबल वोटिंग के बराबर नहीं है.