नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार के गोपालगंज और समस्तीपुर जिलों के मतदाताओं को वर्चुअल रैली के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि आगामी बिहार चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास एजेंडे और आरजेडी नेतृत्व वाले महागठबंधन के 'जंगल राज' के बीच चुनाव है." शाह ने कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य को सौंपने का फैसला करने का अवसर है. एक तरफ वे लोग हैं जिन्होंने 'जंगल राज' लाया. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की जोड़ी है, जिन्होंने विकास लाया है.
गृह मंत्री, जो पहले दोनों जिलों में फिजिकल रैलियां करने वाले थे, खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर न उड़ पाने पर वर्चुअल मोड में आए. वहां से उन्होंने आरजेडी पर तीखा हमला बोला और लालू प्रसाद यादव-राबड़ी देवी शासनकाल में कानूनहीनता का आरोप लगाया. लालू प्रसाद यादव के गृह जिले गोपालगंज में शाह ने राबड़ी देवी के सगे भाई साधु यादव पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, "गोपालगंज की जनता ने 2002 से आरजेडी को वोट नहीं दिया. मुझे यकीन है कि वे यह परंपरा बनाए रखेंगे... साधु यादव के कारनामों को गोपालगंज की जनता से बेहतर कोई नहीं जानता." साधु यादव, जो गोपालगंज से विधायक और सांसद दोनों रह चुके हैं, अपनी बहन के मुख्यमंत्री रहते आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए अक्सर सुर्खियों में रहे.
एक कुख्यात घटना 1999 में लालू-राबड़ी की बेटी मीसा भारती की शादी के दौरान शोरूम से जबरन कारें ले जाना थी, जिसका जिक्र हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने भी बिहार संबोधन में किया था. उनका नाम मिस पटना शिल्पी गौतम हत्याकांड में भी सामने आया था. शाह ने अपनी आलोचना को सिर्फ आरजेडी और यादव परिवार तक सीमित नहीं रखा. समस्तीपुर रैली में उन्होंने कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, आरोप लगाया कि वे अपनी 'वोटर अधिकार यात्राओं' से घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं.
अमित शाह ने कहा, "राहुल गांधी जितनी चाहें यात्राएं निकाल लें. हर घुसपैठिए को देश से बाहर निकाला जाएगा. एसआईआर इसी उद्देश्य से था और हम चुनाव आयोग के पूरे देश में अभियान चलाने के फैसले का स्वागत करते हैं." बीजेपी-जेडी(यू) गठबंधन के विकास वादों पर जोर देते हुए शाह ने कहा कि उनका घोषणापत्र किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित है."
घोषणापत्र में दो बड़ी बातें हैं: एक किसानों के लिए, एक महिलाओं के लिए, जिन्हें मैं दोहराना चाहता हूं. हाल ही में नीतीश कुमार और पीएम मोदी ने 1.41 करोड़ 'जीविका दीदियों' के खातों में 10,000 रुपए जमा किए हैं. हम सभी जीविका दीदियों को अलग-अलग तरीकों से 2 लाख तक भेजेंगे. दूसरा, हम बिहार के 27 लाख किसानों को सालाना 6,000 रुपये देते हैं. अब इसमें 3,000 जोड़कर 9,000 करेंगे. उन्होंने आगे आश्वासन दिया कि बिहार की सभी बंद चीनी मिलें पांच साल में फिर से खोल दी जाएंगी और पुनौरा धाम विकास परियोजना दो साल में पूरी हो जाएगी.