मोकामा क्षेत्र में हुई इस सनसनीखेज हत्या की घटना में बिहार पुलिस की अपराध जांच इकाई (सीआईडी) ने कमान संभाल ली है. पटना के एसएसपी के नेतृत्व में करीब 150 जवानों वाली एक विशेष टीम बाढ़ के कारगिल मार्केट इलाके में पहुंची, जहां से अनंत सिंह को हिरासत में लिया गया. सीआईडी के डीआईजी जयंत कांत इस जांच की निगरानी कर रहे हैं.
उन्होंने खुद घटनास्थल पर जाकर हर पहलू की गहन जांच की.शनिवार को पुलिस की कई दलों ने बसावन चक गांव में छापेमारी की, जहां वारदात को अंजाम दिया गया था. सीआईडी अधिकारियों ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम के साथ मिलकर इलाके की बारीकी से तलाशी ली. जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण क्लू हासिल हुए. घटनास्थल पर क्षतिग्रस्त वाहनों का मुआयना किया गया और आवश्यक फॉरेंसिक साक्ष्य संग्रहित किए गए.
प्रारंभिक रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि दुलारचंद यादव की मौत गोलीबारी से हुई, लेकिन विस्तृत जांच से सच्चाई सामने आई. गोली उनके पैर में लगी थी, जो घातक नहीं थी. पोस्टमॉर्टम से पता चला कि मौत का असली कारण वाहन की चपेट में आने से लगी गंभीर चोटें थीं. इनसे उनकी छाती पर भारी क्षति पहुंची, कई हड्डियां चकनाचूर हो गईं और फेफड़े भी प्रभावित हो गए.
बाढ़ के मजिस्ट्रेट की देखरेख में तीन चिकित्सकों की एक समिति ने लगभग दो घंटे तक शव परीक्षण किया और विस्तृत रिपोर्ट तैयार की. यह गिरफ्तारी बिहार चुनावी माहौल में एक बड़ा झटका साबित हो रही है, क्योंकि अनंत सिंह का प्रभाव मोकामा क्षेत्र में काफी रहा है. पुलिस अब मामले को और गहराई से खंगाल रही है.