ये तस्वीरें अयोध्या की है, जहां बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंलडल उस लड़की से मिलने पहुंचता है जिसके साथ मोईद खान ने गलत किया था. पर उस वक्त कुछ ऐसा होता है, जिसे देखकर खुद प्रतिनिधिमंडल भी दंग रह जाता है उनके सामने एक महिला रोती हुई आती है और कहती है मुझे इंसाफ चाहिए. मंत्री नरेन्द्र कश्यप उसके सिर पर हाथ रखकर समझाते हैं कि अगर कुछ गलत हुआ है तो पुलिस उस पर एक्शन लेगी. सबको लगता है मोईन खान ही इस केस का भी आरोपी है. पुलिस अपना फाइल खंगालने लगती है.
योगी तक ये ख़बर पहुंचने ही वाली होती है कि मोईन खान का पाप और बड़ा है, लेकिन तभी असली कहानी सामने आ जाती है, जब ये महिला बोलना शुरू करती है, वो बताती है... एक लड़के के साथ मेरी दोस्ती थी, उसने इसका गलत फायदा उठाया, मैंने मुकदमा दर्ज करवाया, उस पर धारा 376 लगी, लेकिन बाद में उसके घरवालों ने दबाव बनाया और मेरी शादी उसी लड़के से करवा दी. लेकिन जब उसके साथ दिल्ली गई तो वहां उसके घरवाले यानि उसके ससुर ने भी मेरे साथ गलत किया. मैं थाने गई तो एक सिपाही बोला 50 हजार रुपये का इंतजाम करो तो सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दूंगा.
गोंडा जिले में भी कोई फरियाद नहीं सुन रहा है. मंत्री नरेन्द्र कश्यप उसे मदद का भरोसा देते हैं. पर सवाल ये है कि क्या दिल्ली तक बाबा का बुलडोजर गरज पाएगा. फिलहाल अयोध्या पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. सीएम योगी के कहने पर ही बीजेपी का ये प्रतिनिधिमंडल परिवार को आश्वासन देने घर पहुंचा. यूपी के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप, राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद और सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता समेत बीजेपी के कई नेताओं ने परिवार से मुलाकात कर उन्हें एक चेक सौंपा और कहा कि आरोपी सपा नेता के तार चाहे कितने भी मजबूत हों, सरकार एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगी.
कानून के मुताबिक एक्शन होगा. ख़बर है कि मुलाकात के दौरान लड़की की मां ने रोते हुए वो कहानी प्रतिनिधिमंडल को बताई, जो अब तक मीडिया के कैमरे पर भी सामने नहीं आ पाई थी. उसकी मां ने कहा कि मोईद खान तो गुनाहगार है ही, पर इसमें उसका साथ समाजवादी पार्टी का नेता राशिद दे रहा है. उसने बकायदा हमें पैसे भी ऑफर किए थे. कह रहा था कि तुम पैसे बताओ, हम दे देंगे और मामले को रफा-दफा कर लेंगे. वो रोते हुए कहती है, अपनी बिटिया की इज्जत की कीमत कौन लगाता है.
यही सवाल समाज उन लोगों से पूछ रहा है, जो अपने रसूख के दम पर गलत करते हैं. अयोध्या के केस में मोईद खान ने जो किया है, वो इतना बड़ा गुनाह है, जिसकी कोई माफी नहीं है और अब इस पर सिर्फ यूपी की नहीं बल्कि दिल्ली की भी सीधी नजर है. इस केस में राष्ट्रीय बाल आयोग की भी अब एंट्री हो चुकी है. राष्ट्रीय बाल आयोग ने अयोध्या के एसएसपी को लेटर में लिखा है कि किसी भी स्थिति में बालिका की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए. उसकी पहचान को गोपनीय रखते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी, आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट, उसके बयान और इलाज से जुड़ी रिपोर्ट आयोग को तीन दिनों के भीतर उपलब्ध करवाई जाए. अब एसएसपी अपनी रिपोर्ट में क्या-क्या लिखते हैं, ये देखने वाली बात होगी. क्या जांच में कोई ऐसी जानकारी भी निकलकर सामने आने वाली है, जो अब तक एफआईआर, मीडिया के बयानों और नेताओं की सियासत से अलग होगी. जिस तरह से बीजेपी प्रतिनिधिमंडल के पास दूसरी महिला न्याय मांगने पहुंची है, वो साफ इशारा करता है कि समाज में किस-किस तरह के लोग छिपे बैठे हैं, घर के भीतर ही महिला के साथ बरसों से गलत हो रहा है और वो बोल नहीं पा रही, आवाज उठाना भी चाहती है तो पुलिस भगा देती है.