लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा महिला उम्मीदवारों की है. क्योंकि लगभग सभी दलों ने पहले के मुकाबले इस बार ज्यादा महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. ऐसे में हर कोई उन महिला उम्मीदवारों से जुडी छोटी से छोटी जानकारी चाहता है. तो आज की इस कड़ी में हम आपको बीएसपी की चार महिला उम्मीदवार के बारे में बता रहे हैं जो साक्षरता के मामले में दूसरी पार्टियों की महिला नेताओं से कहीं आगे हैं.
ये भी कहा जा रहा है `कि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जिस तरह पढ़ी लिखी हैं, उसी तरह उन्होंने इस बार के लोकसभा चुनाव में चार पढ़ी-लिखी महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है. इन चारों महिला उम्मीदवारों में कोई अंग्रेजी की प्रोफेसर है तो किसी ने लेडी श्री राम कॉलेज से पढ़ाई में झंडे गाड़े हैं. कोई अमेरिका से इंटीरियर डिजाइनर का कोर्स करके अपने जीवन में सफल होने के बाद राजनीति के मैदान में उतरी है. तो किसी ने अंग्रेजी विषय से पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद राजनीति की तरफ रुख किया है. बीएसपी सुप्रीमो की पढ़ी-लिखी महिला प्रत्याशियों को टिकट देने की चर्चा सियासी गलियारों में भी खूब है.
पहला नाम है डॉ. इंदु चौधरी का. जिन्हें बहुजन समाज पार्टी ने आजमगढ़ जनपद की लालगंज लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. इंदु चौधरी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर है. अभी तक उन्होंने पढ़ाई के मामले में तमाम परीक्षाओं को पास कर असिस्टेंट प्रोफेसर तक पहुंचाने का रास्ता तय किया है, लेकिन राजनीति में बसपा सुप्रीमो के भरोसे पर खरा उतरने की अब उनके सामने बड़ी परीक्षा है. वह पहली बार चुनाव लड़ रही हैं और पब्लिक से कनेक्ट करके यह परीक्षा पास करने के प्रयास में जुटी हुई हैं.
दूसरा नाम है धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी जिन्हें पार्टी ने जौनपुर लोकसभा सीट पर श्रीकला रेड्डी सिंह को टिकट देकर विपक्षी दलों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. हालांकि अपने पति बाहुबली धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा है. वह तेलंगाना की एक मशहूर बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखती है और अकूत संपत्ति की मालकिन हैं. वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं. वैसे तो राजनीति के मैदान में वह पहले ही उतर ही चुकी हैं लेकिन इस बार पंचायत के बजाय सीधे सांसद पहुंचने वाले रास्ते पर उन्होंने कदम रखा है.
अब बात करते हैं सारिका सिंह बघेल की जिन्हे बहुजन समाज पार्टी ने इटावा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. सारिका के लिए लोकसभा चुनाव नया नहीं है क्योंकि इससे पहले हाथरस से वह सांसद रह चुकी हैं. राष्ट्रीय लोक दल से चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र की महिला सांसद बनने का रिकॉर्ड भी उनके नाम बना था. 2019 से वे भाजपा के लिए काम कर रही थीं, लेकिन इस बार उन्हें टिकट बहुजन समाज पार्टी ने दिया है. 2009 में चुनाव जीतने वाली सारिका सिंह बघेल 2024 में जनता को कितना मंत्र मुग्ध कर पाएंगी, यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इस सीट पर बेहतर तरीके से चुनाव जरूर लड़ रही हैं.
इस लिस्ट में चौथा नाम है पूजा अमरोही का जिन्हें बहुजन समाज पार्टी ने आगरा से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. तो वह कांग्रेस की पूर्व राज्यसभा सांसद सत्या बहन की बेटी हैं. एटा में उनका जन्म हुआ था और दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वूमेन से मानविकी में बीए ऑनर्स किया. यहीं से अंग्रेजी विषय की पढ़ाई की. राजनीति में अपनी मां सत्य बहन के साथ सक्रिय रही थीं. वह अब तक वकालत का पेशा अपनाए थीं, लेकिन अब राजनीति में कदम रख दिया है.
बहुजन समाज पार्टी की इन प्रत्यशियों पर सभी की नज़रें हैं. अब ये चुनावी मैदान में आगे निकल पाएंगी या नहीं बसपा की उम्मीदों पर खरी उतर पाएंगी या नहीं। ये तो नतीजों के बाद ही सामने आएगा फिलहाल ये कहा जा रहा है कि अगर यह महिलाएं संसद पहुंचने में सफल होती हैं तो निश्चित तौर पर जनता से जुड़े मुद्दे संसद में खूब गूंजेंगे.