जनता का जनादेश जो आया है वो पचने वाला नहीं है. ऐसा क्या हुआ कि 400 का नारा देने वाली BJP को एक वक्त लगा सत्ता भी हाथ से चली जाएगी? ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी में योगी का बम फट गया. UP में जो हुआ क्या उसकी जानकारी योगी को पहले ही थी. ये दावा आपको हैरान कर सकता है लेकिन ऐसा लगता है कि योगी को सबकुछ पहले ही पता था. कहते हैं कि बीजेपी में योगी को साइड करने की परंपरा ने सबकुछ बदल दिया. क्या हुआ हम आपको समझाते हैं कि कैसे योगी का कद छोटा करने के चक्कर में बीजेपी का कद गया.
पश्चिम UP से लेकर पूर्वांचल तक क्या हुआ जो बीजेपी कभी नहीं समझ पाई? यहां कई ऐसे सवालों का जन्म हुआ जिनका जवाब बीजेपी के पास है, लेकिन वो किसी को बताना नहीं चाहती है. हम आपको समझाते हैं.
BJP को अंदाजा था कि उसे करीब 48 से 50 प्रतिशत वोट मिलेगा, लेकिन नतीजे इसके उलट रहे. जीत तो मिली लेकिन मोदी जैसे छवि वाले नेता के लिए ये जीत फिकी है. योगी आदित्यनाथ का कद भी क्यों घटा, जबकि चुनाव में किसी भी बीजेपी नेता से ज्यादा मेहनत तो योगी ने किया. यूपी से लेकर बंगाल तक संभाला फिर भी योगी का कद क्यों घटा क्योंकि ये हार तो बीजेपी की है ना कि योगी की हार. कहते हैं कि अगर योगी की सुनी गई होती तो शायद यूपी में बीजेपी 75 सीटें जीत लेती, लेकिन ऐसा क्या हुआ था कि योगी को ही नहीं सुना गया जिनकी बात सुनकर जनता वोट कर सकती थी.
फिलहाल योगी आदित्यनाथ पर सबकी नज़र है. यहां तक की बीजेपी में भारी फूट का वक्त आ गया है, जो बयान केजरीवाल ने योगी को लेकर दिया था वो बयान असल में बीजेपी नेताओं के कहने पर ही केजरीवाल ने दिया था, क्या BJP में भी एक असंतोष था, क्या बीजेपी में दो गुट था, क्या मोदी की इस छोटी जीत में बीजेपी ही शामिल है.
अब बीजेपी को मंथन करना होगा और सोचना होगा कि क्या OBC वाला मुद्दा उन्हें हार की तरफ लेकर गया, किस्मत से सत्ता बच गई. क्या मोदी का ये कहना भारी पड़ गया कि कुछ बड़ा करूंगा, तो वो बड़ा ऐसा क्या था कि देश का OBC एक तरफा कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों के साथ चल गया. यहां तक कि बीजेपी की कोर सीटों पर भी पेंच फंस गया, नतीजा ये तक था कि नरेंद्र मोदी की सीट पर भी जीत हार का अंतर घट गया, तो क्या मोदी की लोकप्रियता में कमी आ गई है.