नई दिल्ली: जिले के बिल्सी तहसील के छोटे से गांव पिंडोल के दीपक गुप्ता ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 113वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम गौरवान्वित किया है. इस उपलब्धि ने गांव में खुशी की लहर दौड़ा दी है, और दीपक के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. उनकी इस सफलता ने साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और सही दिशा में प्रयास से बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. दीपक के पिता प्रदीप गुप्ता गांव में खाद की दुकान चलाते हैं.
साधारण परिवार से आने वाले दीपक ने अपनी पढ़ाई और मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया. दीपक ने बताया कि उन्होंने 2017 से दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी शुरू की थी. इस दौरान कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. परिवार का सहयोग और उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाया. दीपक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, गुरुजनों और दोस्तों को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया. दीपक की शैक्षिक यात्रा भी प्रेरणादायक है. उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई बदायूं से पूरी की, जबकि इंटरमीडिएट की पढ़ाई बिसौली के भटपुरा से की. इसके बाद उन्होंने बरेली के रूहेलखंड विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की.
पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सेवा में जाने का सपना देखा और इसे साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत की. दिल्ली में रहकर उन्होंने कोचिंग और सेल्फ-स्टडी के जरिए अपनी तैयारी को मजबूत किया. दीपक की इस उपलब्धि पर उनके गांव पिंडोल और आसपास के क्षेत्रों में खुशी का माहौल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि दीपक ने गांव के युवाओं के लिए एक मिसाल कायम की है. उनके चाचा शिशुपाल गुप्ता, जो भाजपा के पिंडोल शक्ति केंद्र के संयोजक हैं, ने भी दीपक की मेहनत की तारीफ की और कहा कि यह पूरे परिवार के लिए गर्व का पल है.
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इस साल 22 अप्रैल 2025 को घोषित परिणाम में 1,009 उम्मीदवारों को विभिन्न सेवाओं के लिए चुना गया. दीपक का 113वां स्थान प्राप्त करना उनके वर्षों की मेहनत का परिणाम है. उनकी इस सफलता ने न केवल बदायूं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रेरित किया है. दीपक का कहना है कि वे भविष्य में देश की सेवा के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे. यह खबर गांव के हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है. दीपक गुप्ता की कहानी बताती है कि साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद, अगर मेहनत और लगन हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है.