दुर्गा शक्ति नागपाल का तबादला क्यों किया गया इस सवाल का जवाब उन्होंने अपना चार्ज संभालते ही दे दिया है. डीएम का चार्ज संभालते ही आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल ने अवैध अस्पतालों, फर्जी पैथोलॉजी लैब और झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई शुरू कर दी. जिस लखीमपुर खीरी में अवैध अस्पतालों, फर्जी पैथोलॉजी लैब का मामला सिर का दर्द बना हुआ है, लगातार कार्रवाई होने के बाद भी आरोपियों के हौसले बुलंद हैं, वहां दुर्गा शक्ति नागपाल के चार्ज संभालते ही स्वास्थ्य विभाग ने दो दिनों के भीतर आधा दर्जन से ज्यादा फर्जी अस्पताल और पैथोलाॅजी सील करा दिए हैं. साथ ही झोलाछाप डाॅक्टरों और पैथोलाॅजी संचालकों को नोटिस जारी किए हैं.
चार्ज संभालते ही एक्शन में 'दुर्गा'
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही योगी सरकार की तबादला एक्सप्रेस चल पड़ी है और हर दिन अधिकारियों के तबादले की नई लिस्ट जारी हो रही है. ऐसे में अब जब एक लिस्ट में दुर्गा शक्ति नागपाल का नाम आया तो एक सवाल खड़ा होने लगा कि योगी सरकार की पसंदीदा और काबिल अधिकारी का नाम इस लिस्ट में शामिल क्यों किया गया है? क्या सरकार दुर्गा शक्ति नागपाल से नाराज़ है? लेकिन दुर्गा शक्ति नागपाल ने चार्ज संभालते ही इन तमाम सवालों का जवाब देते हुए बता दिया कि उनका तबदला आखिर क्यों किया गया.
UP सरकार ने जताया है भरोसा
इस तबादले की वजह नाराज़गी नहीं बल्कि सरकार का भरोसा है. दरअसल लखीमपुर खीरी में अपराध का ग्राफ दिनपर दिन बढ़ता जा रहा है. खासकर अवैध अस्पताल और फर्जी लैब का मामला तो लाख कोशिश के बाद भी कंट्रोल नहीं हो रहा है. कई सालों से इसपर कार्रवाई चल रही है लेकिन अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. लेकिन अब एक दिन में ही तस्वीर बदली हुई नज़र आ रही है.
अपराध पर जल्द कसेगा शिकंजा
ये दुर्गा शक्ति नागपाल का खौफ है कि क्षेत्र के अवैध अस्पताल संचालकों, झोलाछाप डॉक्टरों, अवैध पैथोलॉजी व लैब संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है. कई अस्पताल और पैथोलॉजी व लैब संचालक अपने प्रतिष्ठानों पर ताला लगाकर फरार हो गए हैं. ऐसे में अब चार्ज संभालते ही जब दुर्गा शक्ति नागपाल ने अवैध अस्पतालों के खिलाफ एक्शन लिया उसे देखकर जानकार कह रहे हैं कि योगी को भरोसा है कि लखीमपुर खीरी में अपराध पर शिकंजा सिर्फ सिंघम लेडी ही कस सकती हैं.
माफियाओं के लिए बनेंगी सिरदर्द
ऐसा इसलिए क्योंकि IAS दुर्गा शक्ति नागपाल वहीं अधिकारी हैं जिसने माफिया मुख्तार अंसारी की रातों की नींद उड़ा दी थी. जब मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद था, तब दुर्गा शक्ति बांदा की डीएम हुआ करती थीं. मुख्तार की मौत के समय में बांदा की कमान दुर्गा शक्ति के हाथ में ही थी. भ्रष्टाचार के खिलाफ निडर होकर कार्रवाई करने के लिए दुर्गा शक्ति नागपाल को पिछली उत्तर प्रदेश सरकार में निलंबन का सामना करना पड़ा था.
योगी सरकार को दुर्गा पर भरोसा
वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार ने बांदा जिले के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के रूप में उन्हें बहाल कर दिया था. इसके बाद से दुर्गा शक्ति नागपाल लगातार सरकार के भरोसे पर खरी उतर रही हैं. वहीं कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि खीरी में क्योंकि बीजेपी प्रत्याशी अजय मिश्र टेनी को हार का सामना करना पड़ा और सपा प्रत्याशी उत्कर्ष वर्मा की जीत हुई ऐसे में बहुत सोच समझ कर एक खास रणनीति के तहत योगी ने ये तबादला किया है.