नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बुधवार को राहुल गांधी के हरियाणा में वोट चोरी के ताज़ा आरोपों का कड़ा खंडन किया. सूत्रों के अनुसार, चुनाव निकाय ने पूछा कि क्या कांग्रेस नेता विशेष गहन संशोधन (SIR) का समर्थन करते हैं, जो डुप्लिकेट, मृत और स्थानांतरित मतदाताओं को हटाता है तथा नागरिकता की जांच करता है या इसका विरोध करते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर चुनाव निकाय और भाजपा पर तीखा हमला तेज़ करते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि 2024 हरियाणा राज्य चुनाव सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में धांधली से कराए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि 5.21 लाख डुप्लिकेट मतदाता, 93,174 अवैध मतदाता और 19.26 लाख थोक मतदाता के ज़रिए हरियाणा में 25 लाख वोट चोरी किए गए.
सूत्रों ने बताया कि आरोपों के जवाब में चुनाव निकाय ने स्पष्ट किया कि हरियाणा में मतदाता सूचियों के खिलाफ कोई अपील दर्ज नहीं की गई. साथ ही, 90 विधानसभा सीटों में से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में केवल 22 चुनाव याचिकाएं लंबित हैं. ECI ने कांग्रेस के पोलिंग एजेंटों की भूमिका पर सवाल उठाया, कहा कि यदि कोई मतदाता पहले ही वोट डाल चुका है या उसकी पहचान पर संदेह है, तो उसे आपत्ति दर्ज करानी उनकी ज़िम्मेदारी है.
इसने यह भी बताया कि मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस के बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) ने डुप्लिकेट प्रविष्टियों को रोकने के लिए कोई दावा या आपत्ति नहीं उठाई, न ही इस संबंध में कोई अपील की. BLAs राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए जाते हैं ताकि मतदान की निगरानी करें और अनियमितताएं, यदि कोई हों, तो चिह्नित करें.
ECI ने आगे टिप्पणी की कि यदि डुप्लिकेट प्रविष्टियां मौजूद हैं, तो राहुल गांधी कैसे दावा कर सकते हैं कि ऐसे मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया, बल्कि ये मतदाता कांग्रेस को भी वोट दे सकते थे. सूत्रों के अनुसार, "घर संख्या शून्य" वाले मतदाता उन परिवारों से हैं जहां पंचायत या नगरपालिका ने अभी तक आधिकारिक घर नंबर आवंटित नहीं किए हैं.
चुनाव आयोग ने यह भी सवाल किया कि बिहार में 1 अगस्त से 15 अक्टूबर तक चले SIR अभियान के दौरान कांग्रेस ने एक भी अपील क्यों नहीं की. कांग्रेस सांसद के नवीनीकृत वोट चोरी आरोप तब आए जब एक दिन पहले ECI ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में SIR अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य मतदाता सूचियों को अपडेट करना और लगभग 51 करोड़ मतदाताओं की पात्रता की जांच करना है.
हालांकि, कई दलों ने इस अभियान पर राजनीतिक मकसद का आरोप लगाते हुए विरोध जताया है. तमिलनाडु की सत्तारूढ़ DMK ने सुप्रीम कोर्ट में SIR को चुनौती दी है, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने ECI पर अगले साल के विधानसभा चुनाव से पहले "सच्चे मतदाताओं" को हटाने की कोशिश का आरोप लगाया.
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में SIR-विरोधी रैली का नेतृत्व किया. उन्होंने इस अभियान को "जल्दबाज़ी में और राजनीतिक रूप से प्रेरित" बताया, कहा कि SIR का मतलब है "साइलेंट, इनविज़िबल रिगिंग" जिसका इस्तेमाल भाजपा मतदाताओं में डर पैदा करने के लिए कर रही है.