बिहार में मतदान का पहली चरण; लालू के बेटे, उपमुख्यमंत्री, बाहुबली अजमा रहे किस्मत

Amanat Ansari 06 Nov 2025 08:48: AM 3 Mins
बिहार में मतदान का पहली चरण; लालू के बेटे, उपमुख्यमंत्री, बाहुबली अजमा रहे किस्मत

नई दिल्ली: कई मंत्रियों के साथ-साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उनके अलग हो चुके भाई तेज प्रताप की किस्मत आज बिहार में चुनाव के पहले चरण में मतदान के साथ सील हो जाएगी, जिसमें एनडीए का मुकाबला पुनर्जीवित महागठबंधन से हो रहा है. चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 'एक्स' फैक्टर बताया जा रहा है, जो इस हाई-स्टेक मुकाबले में थोड़ी रोचकता जोड़ रही है.

पहले चरण में 18 जिलों में फैली 121 विधानसभा सीटों पर मतदान चल रहा है. इनमें से कई गंगा के दक्षिण में स्थित हैं. 2020 में आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने बढ़त बनाई थी, जिसमें 63 सीटें एनडीए की 55 के मुकाबले जीती थीं. देखना बाकी है कि इतिहास दोहराता है या नहीं, क्योंकि राजधानी पटना सहित यह क्षेत्र अक्सर बिहार की राजनीति की नब्ज तय करता रहा है.

इस चरण की प्रमुख सीटों में राघोपुर शामिल है, जहां तेजस्वी हैट्रिक की उम्मीद कर रहे हैं; महुआ, जहां तेज प्रताप मैदान में हैं; और तरापुर, जहां से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. पहले चरण के प्रचार में आरजेडी और कांग्रेस ने बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा की कठपुतली बताने के दावे पर अपनी कहानी केंद्रित की.

दूसरी ओर, एनडीए ने आरजेडी को घेरने के लिए "जंगल राज" का नारा फिर से जीवित किया. राघोपुर में हाई-वोल्टेज मुकाबला होगा, जहां तेजस्वी का सामना भाजपा के सतीश कुमार से है, जिन्होंने 2010 के चुनाव में उनकी मां राबड़ी देवी को हराया था. इस बार कुमार जद(यू) के चुनाव चिह्न पर लड़ रहे हैं. प्रशांत किशोर की पार्टी भी मैदान में है.

पड़ोसी महुआ में तेजस्वी के अलग हो चुके बड़े भाई तेज प्रताप वर्तमान आरजेडी विधायक मुकेश रोशन से सीट छीनने की कोशिश करेंगे. इस साल की शुरुआत में आरजेडी से निष्कासित होने के बाद हसनपुर विधायक के लिए यह प्रतिष्ठा की लड़ाई होगी. लोक गायिका मैथिली ठाकुर, जो भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं, अलीनगर से मैदान में हैं, जो लंबे समय से आरजेडी का गढ़ रहा है. भाजपा की सबसे कम उम्र की उम्मीदवार ठाकुर अपनी प्रसिद्धि पर भरोसा कर ऊपरी जाति ब्राह्मण-प्रधान निर्वाचन क्षेत्र जीतने की कोशिश करेंगी.

भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव, जो आरजेडी टिकट पर छपरा से और रितेश पांडे, जो जन सुराज पार्टी से करगहर से चुनाव लड़ रहे हैं, मतदान की धुन का सामना करेंगे. नीतीश कुमार सरकार के कई मंत्री, जिनमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा शामिल हैं, अपनी चुनावी किस्मत का फैसला करवाएंगे.

सिन्हा जहां लगातार चौथी बार लखीसराय बरकरार रखने की उम्मीद करेंगे, वहीं चौधरी एक दशक बाद तरापुर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. हाई-प्रोफाइल सीवान सीट पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष 53 वर्षीय मंगल पांडेय विधानसभा चुनाव में डेब्यू करेंगे. उनका मुकाबला पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी के अवध चौधरी से है.

किसी भी बिहार चुनाव में बाहुबली राजनीति के बिना कैसे पूरा हो सकता है? इस बार भी कई दबंग मैदान में हैं. मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाह (रघुनाथपुर) से लेकर जद(यू) के अनंत सिंह तक. मोकामा में एक जन सुराज समर्थक की हत्या के बाद जो सामान्य विधानसभा लड़ाई लग रही थी, वह दो बहुबलियों के बीच प्रतिष्ठा की हाई-स्टेक लड़ाई में बदल गई है.

हत्या के मामले में जेल में बंद जद(यू) के अनंत सिंह का सीधा मुकाबला गैंगस्टर आरजेडी के सूरज भान की पत्नी से है. महिलाओं के निर्णायक मतदाता समूह के रूप में उभरने के साथ दोनों पक्षों ने बड़े वादे किए हैं. एनडीए ने 10000 रुपए हस्तांतरण योजना से लुभाया है, तो विपक्ष ने तेजस्वी यादव के 'माई बहिन मान योजना' के तहत 30,000 रुपए के वादे से मुकाबला किया है.

चुनाव मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) की छाया में हो रहे हैं, जिसमें करीब 60 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए. विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह हाशिए पर पड़े समुदायों के लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश थी.

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