भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज फिलहाल 1-1 की बराबरी पर है. दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच 14 दिसंबर से ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर खेला जाएगा. इस मुकाबले से पहले गाबा के क्यूरेटर डेविड सैंडर्स्की ने पिच को लेकर एक अहम बयान दिया है.
पिच पर क्यूरेटर का बयान
ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से बातचीत में डेविड सैंडर्स्की ने कहा कि गाबा की पिच साल के अलग-अलग समय में अलग-अलग तरीके से व्यवहार करती है. उन्होंने बताया कि सीजन की शुरुआत में पिच थोड़ी नई होती है, जबकि सीजन के अंत तक इसके टूटने की संभावना बढ़ जाती है.
सैंडर्स्की ने कहा, "हम हर बार पिच को ठीक उसी तरह से तैयार करते हैं ताकि गाबा की मशहूर गति और उछाल बरकरार रहे. इस बार भी हम एक पारंपरिक गाबा पिच तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने पिछले महीने यहां खेले गए घरेलू मैच का जिक्र करते हुए कहा कि उस मैच में पहले दिन 15 विकेट गिरे थे. इस बार भी ऐसी पिच बनाने की कोशिश है, जिसमें बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के लिए संतुलन हो.
भारत के लिए गाबा की यादगार जीत
गाबा का मैदान ऑस्ट्रेलिया के लिए हमेशा से एक मजबूत किला माना जाता रहा है. हालांकि, भारत ने अपनी पिछली दौरे में यहां शानदार जीत हासिल कर इतिहास रच दिया था. ऋषभ पंत की बेहतरीन पारी की बदौलत भारत ने गाबा टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को हराकर लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट सीरीज जीती. यह गाबा में 1988 के बाद ऑस्ट्रेलिया की पहली हार थी.
मुकाबले पर नजर
इस टेस्ट मैच में पिच का रोल बेहद अहम होगा. अगर गाबा की पिच ने अपनी पारंपरिक गति और उछाल दी, तो दोनों टीमों के तेज गेंदबाजों के लिए यह सुनहरा मौका होगा. साथ ही, भारतीय बल्लेबाजों के लिए यह चुनौती होगी कि वे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ कैसे टिकते हैं.
गाबा में इस बार का मुकाबला दोनों टीमों के लिए निर्णायक हो सकता है. भारतीय टीम पिछली जीत की यादों को दोहराने की कोशिश करेगी, जबकि ऑस्ट्रेलिया इस मैदान पर अपनी प्रतिष्ठा को वापस पाने की कोशिश करेगा.