चंडीगढ़: हरियाणा सरकार 31 मई 2025 को पूरे राज्य में एक बड़ा सिविल डिफेंस अभ्यास 'ऑपरेशन शील्ड' आयोजित करने जा रही है. यह अभ्यास राज्य के सभी 22 जिलों में होगा और इसका उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में राज्य की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना है. यह ड्रिल केंद्रीय गृह मंत्रालय के मार्गदर्शन में आयोजित की जा रही है और इसका समय शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक निर्धारित है. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह एक अभ्यास है, इसलिए नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है.
अभ्यास का उद्देश्य और महत्व
'ऑपरेशन शील्ड' का मुख्य लक्ष्य आपातकालीन परिस्थितियों, जैसे कि हवाई हमले, ड्रोन हमले और अन्य युद्धकालीन परिदृश्यों, में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है. हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस अभ्यास के जरिए मौजूदा आपातकालीन तंत्रों की जांच की जाएगी, सिविल प्रशासन, रक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय को बेहतर किया जाएगा, और कमजोर क्षेत्रों को चिह्नित कर उनकी मजबूती पर काम किया जाएगा.
यह अभ्यास राष्ट्रीय सुरक्षा के मौजूदा हालातों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इसमें हवाई खतरों, जैसे हवाई हमले और ड्रोन हमलों, से निपटने की प्रक्रिया का परीक्षण होगा. इसके अलावा, हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन और भारतीय वायुसेना के साथ संचार के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम हॉटलाइन की जांच भी की जाएगी.
सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की भूमिका
हरियाणा में इस समय लगभग 32,000 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स हैं, जो इस अभ्यास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS), और होम गार्ड्स को बुलाकर उनकी तैनाती, कर्तव्यों और अभ्यास से संबंधित जानकारी दें. ये वॉलंटियर्स विभिन्न आपातकालीन परिदृश्यों में अपनी जिम्मेदारियों को समझने और उन्हें लागू करने का अभ्यास करेंगे.
ब्लैकआउट और अन्य गतिविधियां
इस अभ्यास के दौरान कुछ विशेष गतिविधियां भी होंगी. रात 8 बजे से 8:15 बजे तक महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास 15 मिनट का नियंत्रित ब्लैकआउट किया जाएगा. हालांकि, अस्पताल, अग्निशमन स्टेशन और पुलिस स्टेशन जैसी आवश्यक आपातकालीन सेवाएं इस ब्लैकआउट से मुक्त रहेंगी. यह ब्लैकआउट युद्धकालीन परिस्थितियों में बिजली आपूर्ति को नियंत्रित करने और महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है.
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संरचना
यह अभ्यास हरियाणा द्वारा 28 जनवरी 2025 को अधिसूचित 'इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम' (IRS) के अनुरूप है. यह सिस्टम आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत बनाया गया है और आपातकालीन परिस्थितियों में प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करता है. इस सिस्टम के तहत, सभी जिला उपायुक्त, जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं, और पुलिस आयुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को इस अभ्यास की सावधानीपूर्वक योजना और कार्यान्वयन का निर्देश दिया गया है.
पहले स्थगित हुआ था अभ्यास
यह ड्रिल पहले 29 मई को आयोजित होने वाली थी, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के कारण इसे स्थगित कर 31 मई को आयोजित किया जा रहा है. इस बदलाव का उद्देश्य बेहतर समन्वय और तैयारी सुनिश्चित करना है.
जिला स्तर पर तैयारियां
सभी जिला उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में इस अभ्यास को सफल बनाने के लिए विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि अभ्यास के बाद विस्तृत 'एक्शन टेकेन रिपोर्ट' तैयार करें और इसे कमांडेंट जनरल, होम गार्ड्स, और निदेशक, सिविल डिफेंस, हरियाणा को भेजें. इन रिपोर्टों को राज्य स्तर पर समीक्षा के लिए संकलित किया जाएगा और फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा.
नागरिकों के लिए संदेश
अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभ्यास को लेकर घबराएं नहीं. यह एक नियोजित ड्रिल है, जिसका मकसद राज्य को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करना है. नागरिकों से सहयोग और जागरूकता की अपेक्षा की गई है ताकि यह अभ्यास सुचारू रूप से संपन्न हो सके.