नई दिल्ली: उत्तराखंड में बादल फटने से भारी तबाही हुई है, जब बादल फटा तो उसके पानी के वेग से पूरा बाजार तहस-नहस हो गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बादल कैसे बनते हैं और कैसे फटते हैं? दरअसल बादल पानी की छोटी बूंदों या बर्फ के क्रिस्टलों से बनते हैं जो हवा में तैरते हैं.
ये संघनन की प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जब सूर्य के प्रकाश से गर्म होकर समुद्र, झील और नदियों का पानी वाष्प बनकर हवा में ऊपर उठता है, ऊपर जाने के बाद नम हवा के साथ ये ठंडा हो जाता है जिसके बाद ये बूंदें बर्फ या क्रिस्टल में बदल जाती हैं. धीरे-धीरे काफी सारे क्रिस्टल मिलकर एक बादल का निर्माण करते हैं, ज्यादा क्रिस्टल होने पर बड़े बादलों का भी निर्माण हो जाता है, जिसके माध्यम से फिर बरसात होती है.
लेकिन जब गर्म हवा जमीन से बादलों की ओर उठती है तो वो बारिश की बूंदों को ऊपर ले जाती है, जिसकी वजह से ठीक तरह से बारिश नहीं हो पाती, और फिर बादलों में बहुत ज्यादा नमी जमा हो जाती है, लेकिन जब ऊपर जाने वाली हवा कमजोर होती है तो बादल में जमा सारा पानी एक साथ नीचे गिरता है, जिसे बादल का फटना कहा जाता है.
आमतौर पर बादल फटने की घटना पहाड़ी इलाकों में ही होती है, क्योंकि अक्सर पहाड़ों में नीचे नमी भरी गर्म हवाएं और ऊपर जाने पर ठंडी हवाएं मिलती हैं, साथ ही आपको बता दें ज्यादातर बादल फटने की घटना समुद्र तल से 1 हजार से 2500 मीटर की ऊंचाई पर होती है.