नई दिल्ली: मोदी सरकार ने जिन नेताओं को पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए विदेश भेजा, उसमें सपा के इकलौते सांसद राजीव राय का नाम है, जो घोसी से सांसद हैं, ग्रीस, लाटिवा, स्लोवेनिया, स्पेन और रूस के प्रतिनिधिमंडल के वो साथ हैं, जबकि मुस्लिम सांसद युसूफ पठान ने विदेश जाने से किनारा कर लिया, तो सवाल ये भी उठ रहे हैं कि जब ओवैसी का नाम इस प्रतिनिधिमंडल में है, तो फिर इकरा हसन जैसी तेजतर्रार नेता क्यों नहीं, इसे समझने के लिए जरा इकरा हसन के पोस्ट भी हम आपको बताते हैं, जो उन्होंने पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर किए. ताकि पूरी बात समझ सकें.
उसके बाद जब कैराना का नोमान इलाही पकड़ा जाता है, तो इकरा हसन का कोई पोस्ट नहीं आता, जबकि उन्हें आगे आकर ये कहना चाहिए था कि अगर कोई देश की जासूसी करेगा, चाहे वो किसी धर्म का हो तो हम अपने स्तर पर अपने लोकसभा क्षेत्र में उसकी जांच करवाएंगे, या कुछ ऐसा कहतीं जिससे पता चलता वो इस्लाम के नाम पर गलत प्रचार कर रहे लोगों को कोई संदेश देना चाहती हैं, तो सवाल उठता है इकरा हसन ने आखिर ऐसा क्यों नहीं किया? क्या समाजवादी पार्टी में होने के कारण उनकी ये सियासी मजबूरी है कि ऐसे मसले पर भी वो बात नहीं कह पा रहीं जो 80 फीसदी हिंदुस्तानी कह रहे हैं, या फिर वजह कोई और है?
गूगल पर लोग यूपी के नेताओं की पाकिस्तान में रिश्तेदारी सर्च कर रहे हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि न तो इकरा का कोई रिश्तेदार पाकिस्तान में है, और ना ही आजम खान, मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल के पूर्वज पाकिस्तान से जुड़े थे, लेकिन बाकी नेताओं को लेकर कोई ऐसी जानकारी सामने नहीं आती, तो सवाल ये भी खड़े होते हैं कि धर्म के नाम पर जो इस्लाम दुनियाभर में गलत चीजें फैला रहा है, उसका नाम हमारे ही देश के कुछ मुस्लिम नेता क्यों नहीं ले रही, ओवैसी तो खुलकर कह रहे हैं पाकिस्तान को सबक सीखाना होगा, फिर इकरा हसन की जुबान से ऐसी स्पष्ट बात क्यों नहीं निकलती?
इकरा को अगर मुस्लिमों ने वोट दिया है तो हिंदुओं ने भी दिया है, वो अपने इलाके में लोगों की समस्याएं सुनती हैं तो उसमें भी कोई भेदभाव नहीं करतीं, हर मत-मजहब के लोग उनके पास आते हैं, वो वहीं से अधिकारियों को फोन करती हैं और समस्या का समाधान करने का दावा करती हैं, फिर पाकिस्तान का नाम न लेने की क्या वजह हो सकती है, क्या मोदी सरकार ने इन्हें इसीलिए नहीं भेजा कि ये पाकिस्तान की पोल ठीक से नहीं खोल पाएंगी. जरा सोचिए.