नई दिल्ली: भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता में एकता और एक भारत श्रेष्ठ भारत के आदर्श से प्रेरित होकर, डबलिन में भारतीय दूतावास ने आयरलैंड में पहली बार, दूतावास की राज्य सांस्कृतिक कार्यक्रम श्रृंखला की पहल के तहत जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को समर्पित एक विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति का आयोजन किया.

इस बहुआयामी कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर और लद्दाख की समृद्ध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, खान-पान, शिल्प और पर्यटन विरासत पर एक मल्टी-मीडिया प्रस्तुति के साथ-साथ कई पारंपरिक नृत्य, कश्मीरी कविता पाठ और आकर्षक वस्त्रों और शिल्पों का प्रदर्शन शामिल था.

इस अवसर पर बोलते हुए, आयरलैंड में भारत के राजदूत, अखिलेश मिश्र ने डबलिन में लगभग 200 लोगों के छोटे कश्मीरी समुदाय को जम्मू और कश्मीर और लद्दाख पर पहली बार विशेष आयोजन करने में दूतावास का उत्साहपूर्वक समर्थन करने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया. उन्होंने कश्मीरी परंपरा को भारतीय सभ्यता की उदार, समावेशी, बहु-सांस्कृतिक सदभावना का प्रतीक बताया.

कश्मीर के लोगों ने दशकों से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद और चरमपंथी विचारधारा के दुष्प्रचार के कारण बहुत कष्ट उठाया है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद से, इस क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में नव ऊर्जा और उत्साह है. इस महत्वपूर्ण परिवर्तन का श्रेय मुख्य रूप से बेहतर सुरक्षा माहौल और शेष भारत के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और भावनात्मक जुड़ाव को जाता है.

प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति को समृद्ध करने में कश्मीर के दर्शन और साहित्य की भूमिका को याद करते हुए, उन्होंने शारदा लिपि को पुनर्जीवित करने और कश्मीरी साहित्य का हिंदी में अनुवाद करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. उन्होंने से कश्मीरी रामायण के हिंदी अनुवाद और कश्मीर शैववाद के महान विद्वान अभिनव गुप्त और संत कवयित्री लल देद की रचनाओं पूरे देश में बढ़ती रुचि का विशेष उल्लेख किया.

भारतीय राजदूतावास ने सितम्बर, 2023 में राज्य सांस्कृतिक कार्यक्रम श्रृंखला शुरू की थी, उसका उदेश्य आयरलैंड में भारतीय समुदाय के साथ-साथ आयरिश लोगों को भारत की अदभुत विविधता में एकता से अवगत कराना और दोनों देशों की जनता के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग के अवसर प्रदान करना था. अबतक इस श्रंखला में 18 भारतीय राज्यों पर आधारित कार्यक्रम किये जा चुके है.