18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत 24 जून से होने वाली है. ये मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला सत्र होगा, जिसमें सबसे पहले मोदी और उनकी कैबिनेट के मंत्री सांसद पद की शपथ लेंगे. प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब सभी को शपथ दिलवाएंगे. उसके बाद बाकी के संसद सदस्यों का शपथग्रहण होगा.
25 जून को सभी सांसदों का शपथ पूरा होने के बाद 26 जून को नए लोकसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे और इस दिन संसद में हंगामा हो सकता है, क्योंकि गठबंधन की साथी टीडीपी और जेडीयू की नजर इस कुर्सी पर है. इसके अगले दिन यानी 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन होगा. जबकि पीएम मोदी 2 जुलाई को संसद में भाषण देंगे.
अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार संसद सत्र बेद हंगामेदार रहने वाला है. क्योंकि विपक्ष भी मजबूती के साथ इस बार संसद में पहुंचने वाला है. बता दें कि इस बार इंडिया गठबंधन के 234 सांसद इस सत्र में शिरकत करेंगे तो एनडीए की संख्या जहां 293 होगी.
ऐसे में विपक्ष एनडीए से ज्यादा कम नहीं है, यह साफ तौर पर देखा जा सकता है. वहीं राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने जताना भी शुरू कर दिया है कि वह किसी भी तरह से सरकार को रियायत देने वाले नहीं है, जिसकी शुरुआत अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति में दिख गई है.
वहीं हाल के दिनों में कुछ ऐसे मुद्दे भी निकल कर आए हैं, जिसपर बड़ी बहस देखने को मिल सकती है. इसमें सबसे बड़ा मुद्दा तो पेपर लीक का है. इसे लेकर कांग्रेस ने स्पष्ट भी कर दिया है कि वह नीट पेपर लीक के मुद्दे को संसद सत्र में गंभीरता से उठाएगी.
इस लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और बरेली के सांसद राहुल ने कह भी दिया है कि नीट के छात्रों को न्याय दिला कर रहेंगे. वहीं टीएमसी ने भी तीन आपराधिक कानूनों को लेकर पीएम मोदी को खत लिख चुकी है, जिसमें कानूनों के कार्यान्वयन को टालने की अपील की गई है.
ऐसे में अनुमान जाताया जा रहा है कि टीएमसी के सांसद इस पर जोरदार हांगामा कर सकते हैं. नीट के साथ-साथ अन्य पेपर लीक, मणिपुर हिंसा, रेल दुर्घटनाएं, गुजरात गेमिंग जोन में हुई आगजनी जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.