जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना की चौकी पर एक बड़े हमले को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया है. जम्मू के जनसंपर्क निदेशालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. बताया गया है कि यह हमला राजौरी के सुदूर गांव स्थित सेना की चौकी पर हुथा. राजौरी के गुंडा इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है. बता दें कि पिछले कुछ महीनों में, जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों में वृद्धि हुई है, जिसमें कठुआ में सेना के काफिले पर आतंकी हमला और डोडा और उधमपुर में मुठभेड़ शामिल है.
इससे पहले गुरुवार को, भारतीय सेना के जवानों ने जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले के सुंदरबनी इलाके में नियंत्रण रेखा के पास संदिग्ध गतिविधि के बाद गोलीबारी की. वहीं एक अलग घटना में गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले के कास्तीगढ़ इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो जवान घायल हो गए थे.
घायल जवानों को शुरुआती उपचार डोडा के सरकारी अस्पताल में दिया गया और फिर सेना के हेलीकॉप्टर के ज़रिए सेना के अस्पताल ले जाया गया. यह मुठभेड़ मंगलवार को डोडा मुठभेड़ में आतंकवादियों से लड़ते हुए एक अधिकारी सहित चार सेना के जवानों के शहीद होने के कुछ दिनों बाद हुई थी.
सेना की ओर से बताया गया था कि 15 जुलाई को, विशेष खुफिया सूचनाओं के आधार पर, डोडा के उत्तर में एक इलाके में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक संयुक्त अभियान चल रहा था. इसी बीच रात करीब 9 बजे आतंकवादियों से मुठभेड़ हो गई. कार्रवाई में एक अधिकारी सहित चार सैनिक शहीद हो गए थे. शहीद हुए सैनिकों की पहचान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय के रूप में हुई थी.
16 जुलाई को, उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार ने उन बहादुर जवानों कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेन्द्र और सिपाही अजय कुमार सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने डोडा में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.