मौलाना अरशद मदनी ने मोदी सरकार को दी चेतावनी, चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से की खास अपील

Ajay Thakur 03 Nov 2024 12:15: PM 1 Mins
मौलाना अरशद मदनी ने मोदी सरकार को दी चेतावनी, चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से की खास अपील

3 नवंबर 2024 को, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ बोर्ड के संशोधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इस देश में एक समुदाय की मानसिकता है और वक्फ बिल एक गंभीर मुद्दा है. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को इस मामले पर ध्यान देने की सलाह दी, यह बताते हुए कि मुसलमान इस बिल को लेकर कितने चिंतित हैं, जो वे अपनी बंगलों से नहीं समझ सकते.

मौलाना मदनी ने कहा, "धन्यवाद, नायडू." उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार को जनता ने खड़ा किया है, लेकिन वह अब भी दो क्रचियों पर चल रही है. नायडू साहब ने अपने टीडीपी उपाध्यक्ष नवाब जान को हालात से अवगत कराने के लिए भेजा है. उन्होंने यह भी कहा कि हम 15 दिसंबर को नायडू के क्षेत्र में पांच लाख मुसलमानों को एकत्र करेंगे.

मौलाना मदनी ने इस बिल को "जहर" बताते हुए कहा कि अगर यह पारित होता है, तो बीजेपी की सरकार भी इसकी जिम्मेदारी उठाएगी. यह बिल मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाला है. 

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने पहले भी इस बिल को लेकर चिंता जताई थी. AIMPLB के महासचिव मौलाना मोहम्मद फज़लुर्रहिम मुजद्दिदी ने कहा कि यदि मुसलमानों को इसके संशोधन की आवश्यकता नहीं है, तो इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा कि 3.66 करोड़ मुसलमानों ने केवल 13 दिनों में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ईमेल भेजे हैं.

उन्होंने कहा, "हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि मुसलमान क्या चाहते हैं." AIMPLB ने जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (JPC) से भी इस मुद्दे पर जनमत संग्रह करने की अपील की है. मौलाना मुजद्दिदी ने कहा कि वक्फ बोर्ड के लिए जो पहले संशोधन लाए गए थे, वे उसे मजबूत करने के लिए थे. वर्तमान विधेयक के बारे में उनका मानना है कि इससे वक्फ बोर्ड कमजोर होगा. वहां मौजूद सभी ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

Arshad Madani Jamiat Ulama-e-Hind Jamiat Ulama-e-Hind

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