मिस्ड कॉल मार के, लूट लेबू का हो? होशियार हो जाएं नहीं तो आप सोते रह जाएंगे और अकाउंट साफ हो जाएगा!

Global Bharat 19 Dec 2022 3 Mins 48 Views
मिस्ड कॉल मार के, लूट लेबू का हो? होशियार हो जाएं नहीं तो आप सोते रह जाएंगे और अकाउंट साफ हो जाएगा!

फ्रॉड की आपने ख़ूब कहानियां सुनी होंगी, किसी को OTP से लूटा, किसी को लड़की ने नंगा करके लूटा, किसी को फोनपर लूटा पर जो हम आपको बताने वाले हैं वो आपकी आंखें खोल देगा…हम कोशिश करते हैं आपको समस्या के साथ समाधान भी बताएं…OTP मांगकर अकाउंट से पैसा निकालने वाला जमाना पुराना हो गया, नए तकनीक के दौर में चोर भी स्मार्ट हो गए हैं, इतने स्मार्ट की पुलिस कुछ नहीं कर पाती है, फिलहाल आप कह सकते हैं चोर सरकार, अधिकारी और साइबर एक्सपर्ट से दो कदम तेज़ चल रहे हैं! इसलिए ये रिपोर्ट पूरी देखिए और परिवार के बाकी लोगों को भी दिखाइए, ताकि ये जान सकें कि हम इसे कैसे रोक सकते हैं और कैसे अंकाउंट को सुरक्षित रख सकते हैं! कुछ दिन पहले दिल्ली के एक पढ़े-लिखे कारोबारी के अकाउंट से 48 लाख निकल गए. जिस वक्त पैसा निकला उस वक्त कारोबारी ने किसी को कोई OPT शेयर नहीं की, न ही वो किसी लिंक पर गया. फिर सवाल उठता है ये ठगी कैसे हुई? पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक

13 नवंबर की दोपहर कारोबारी के फोन पर कई मिस कॉल आए.कारोबारी के फोन पर जो नंबर दिख रहा था वो सामान्य नहीं था, यानि ये इंटरनेट कॉल थी. ये नंबर आसानी से ट्रैक नहीं होता है. एक बार कारोबारी ने फोन भी उठाया पर कोई आवाज़ नहीं आई, ये मिस कॉल का सिलसिला करीब एक घण्टे तक चलता रहा, और फिर वो हुआ जिसकी कल्पना कोई कर नहीं सकता है!


दरअसल कारोबारी का जो अकाउंट था वो सामान्य नहीं बल्कि कंपनी अकाउंट था, यानि करेंट अकाउंट, हमारे आपके पास जो अकाउंट होता है वो सेविंग अकाउंट कहा जाता है, सेविंग अकाउंट से कहीं ज्यादा सुरक्षित होता है कंपनी का करेंट अकाउंट. हैकर्स ने पैसा निकालने के लिए कोई मोबाइल बैंकिंग नहीं बल्कि इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग किया, यानि पैसा बैंक के एप से निकला, या कंप्यूटर पर अकाउंट लॉगिन हुआ. 48 लाख निकाल कर पांच अलग-अलग अकाउंट में डाला गया, हैरानी की बात ये हैं कि ये सभी ट्रांसफर Real Time Gross Settlement यानि RTGS के ज़रिए होता है, यानि बैंक को पता ही नहीं चला अकाउंट होल्डर ट्रांसफर कर रहा है या कोई ठग! RTGS एकदम सेफ माना जाता है, यहां तक कि पैसा गलत जाने पर भी वापस लेने का प्रावधान है, पर यहां बैंक वाले चूक गए. अब सवाल उठता है फिर तो क्या किसी का अकाउंट सुरक्षित नहीं है और ये पैसा निकला कैसे? आम इंसान इससे कैसे बच सकता है? तो सुनिए पूरी कहानी

आपके फोन में सिम कार्ड लगा है, वो आपके नाम पर पर है? फोन आपके पास है, पर हो सकता है 2 हज़ार किलोमीटर दूर बैठा व्यक्ति आपके फोन में एक्टिव सिम को बंद करके नया सिम बना दे! आप सोचेंगे नेटवर्क नहीं है, पर वहां आपके अकाउंट से सारा पैसा निकल रहा होगा. आपको पता इसलिए नहीं चलेगा क्योंकि आपका सिम बंद हो चुका है और आपका ही नया सिम हैकर्स के पास है, जिसे सिम स्वैपिंग कहते हैं. ठीक यही घटना दिल्ली के कारोबारी के साथ हुई. तो अब सवाल उठता है हम बचें कैसे?
आप मुझे अपना आधार कार्ड, एक फोटो और पैन कार्ड व्हाट्सएप पर भेज दो हम आपका काम करवा देंगे, ऐसा न करें. किसी को आधार की कॉपी देते वक्त उसी कॉपी पर उसकी वजह लिख सकते है. बैंक पर भरोसा न करें,


अगर अकाउंट में पैसा ज्यादा है तो उसकी FD करवाएं, या बैंक में कोई ऐसा नंबर जोड़ें जिससे आप कॉल करते ही नहीं, ऐसा नंबर जो स्मार्ट फोन में न लगा हो. कई अकाउंट रखें, जिसमें पैसा हो उसका एटीएम, पेटीएम USE न करें. बैंक जाएं सीधे बैंक से पैसा निकालें या डालें! नए दौर में जब लूट होती है तो जमाना पुराना ही बचा सकता है, इसलिए पासबुक के भरोसे ही आपका पैसा सुरक्षित रहेगा, फोन के चक्कर में पड़े तो कुछ कह नहीं सकते हैं, अगर आपके फोन में लंबे वक्त तक नेटवर्क नहीं है तो तुरंत बैंक जाएं, और नंबर डिएक्टिवेट करवाएं, इसके बाद कितना भी बड़ा चोर हो, ठग हो या जानकार हो वो कुछ नहीं कर पाएगा.


भैया थोड़ा फोन देंगे क्या मेरा फोन बंद हो गया है एक कॉल करना है, ऐसा कहने वालों को अगर आप नहीं जानते हैं तो फोन न दें, ये वही लोग होते है तो आपके सिम की जानकारी लेते है, और सिम स्वाइप करते है, हो सकता है कई लोग सच कह रहे हो पर आप किसपर भरोसा करेंगे ये आपको देखना होगा. हो सके तो जामतारा नाम की एक वेब सीरीज आई है वो देख सकते है. क्योंकि थोड़ी सी चूक और खेल ख़त्म. दवा से बेहतर है बचाव.

https://youtu.be/0frjbd3dza0

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