Palwal CMO bribery case: नाम में भगवान, और कारनामे काले, पेशे के हिसाब से इन्हें जनसेवक होना चाहिए था लेकिन सबसे बड़े रिश्वतखोर निकले पलवल के CMO साहब
Palwal CMO bribery case: पलवल में भ्रष्टाचार की जड़ पर बड़ा प्रहार, जिले के सीएमओ साहब 1 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गरफ्तार, अब आप खुद सोचिए जिस अस्पताल की जड़ माने जाने वाले सीएमओ खुद इतने बड़े भ्रष्टाचारी हैं, वहां बाकी स्टाफ का क्या हाल होगा? और क्या ये सारा भ्रष्टाचारा का मकड़जाल केवल सीएमओ ने अकेले ही फैलाया होगा, या फिर इनके साथ और भी लोग इन काले कारनामों के साथी होंगे?
दरअसल ये पूरा मामला गुरूवार शाम का है जब एक शिकायत के आधार पर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पलवल के सीएमओ जय भगवान को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है, इनके खिलाफ शिकायत सनराइज ट्रामा अस्पताल चलाने वाले मनोहर धीरज और सुभाष की तरफ से दी गई थी, ये तीनों लोग करीब तीन महीने पहले से मिल कर एक अस्पताल का संचालन कर रहे हैं, लेकिन पलवल के सीएमओ जय भगवान को ये बात रास नहीं आ रही थी कि जनता का इलाज करने के लिए एक और अस्पताल पलवल में खुल चुका है, उनके लिए तो ये एक मौका था पैसे कमाने का, सीएमओ ने किया भी ये कि अस्पताल में बार-बार कमियां निकाल रहे थे, सीज करने की धमकी दे रहे थे, उन्होंने कहा था कि अगर अस्पताल चलाना है तो फिर 15 लाख रुपये की रिश्वत देनी ही पड़ेगी.
इन्हीं धमकियों से तंग आकर अस्पताल के संचालकों ने राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संपर्क किया, और इस भ्रष्टाचारी अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कराया, बता दें कि पीड़ित लोग 20 दिन पहले भी सीएमओ के घर जाकर 6 लाख रुपये दे चुके थे, उसके बाद 2 जुलाई को 1 लाख रुपये की अगली किस्त पहुंचाई, बचे हुए 8 लाख में से 1 लाख गुरूवार को ये लोग सीएमओ को देने पहुंचे थे, जहां उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है, इस दौरान जब सीएमओ के सरकारी आवास की जांच की गई तो वहां भी करीब 3 लाख का कैश बरामद हुआ है. फिलहाल इन लोगों को इस भ्रष्टाचारी अधिकारी से तो मुक्ति मिल गई, लेकिन पलवल में और कितनी गहरी जड़ें भ्रष्टाचार ने बना रखी हैं, और उन पर कब कार्रवाई होगी, जिले की जनता को बस इसी बात का इंतजार है.