भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हालांकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) के संचालन की आखिरी तारीख 29 फरवरी से बढ़ाकर 15 मार्च कर दी थी लेकिन पीपीबीएल के लिए मुश्किलें यहां कम नहीं हुईं। मार्च महीने का पहला दिन ही पीपीबीएल के बुरी खबर लेकर आया है। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (एफआईयू-आईएनडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में शामिल होने के लिए पीपीबीएल पर ₹5.49 करोड़ का जुर्माना लगाया है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है क्योकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खातों के माध्यम से कुछ ऐसी संस्थाएं पैसे का आदान-प्रदान कर रही थीं जोकि अवैध गतिविधियों में शामिल थीं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 13(2)(डी) के तहत की गई।
केंद्र ने कहा, "वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (एफआईयू-आईएनडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) (डी) के तहत निदेशक एफआईयू-आईएनडी को दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर दायित्वों का उल्लंघन करने के लिए ₹5,49,00,000 का जुर्माना लगाया है।"
कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई विशिष्ट जानकारी के बाद एफआईयू-आईएनडी ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक की गहन जांच शुरू कर दी थी। इस दिशा में ऑनलाइन गैंम्ब्लिंग के आयोजन और सुविधा सहित विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल कई संस्थाओं और उनके व्यवसायों के नेटवर्क का मामला सामने आया है जोकि पेटीएम बैंक के द्वारा रुपये का आदान-प्रदान कर रही थीं।