उन्नाव बस हादसे के बाद गुस्से से लाल योगी, कुंभ मेले पर मंडराया संकट, योगी लेंगे बड़ा एक्शन!

Global Bharat 11 Jul 2024 11:38: AM 3 Mins
उन्नाव बस हादसे के बाद गुस्से से लाल योगी, कुंभ मेले पर मंडराया संकट, योगी लेंगे बड़ा एक्शन!

बस का नाम नमस्ते बिहार, बस की खिड़की प्लाईबोर्ड वाली, न परमिट, न बस का बीमा, सड़क पर सरपट दौड़ रही ये बस यमराज के भैंसे की तरह है. जिधर जाती है उधर हादसा करवाती है लोगों की जान से खेलती है. 10 जुलाई की सुबह-सुबह ये बस बिहार के शिवहर जिले से दिल्ली आ रही थी. रास्ते में उन्नाव एक्सप्रेसवे पर ड्राइवर ने एक दूध से भरे कंटेनर में टक्कर मार दी. कोई सीट से नीचे गिरा तो किसी का सिर बस की छत से टकराया. प्लाइबोर्ड वाली खिड़की तोड़कर कुछ लोग नीचे कूदे, किसी तरह जान बचाई. पर बस में सवार करीब 30-40 लोगों में से 24 ही जिंदा बच पाए.

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18 लोगों को जान गंवानी पड़ी. खटारा बस में अगर फर्स्ट ऐड जैसी कोई चीज होती तो कई लोगों की जान बच भी सकती थी. हादसे के तुरंत बाद योगी खुद एक्टिव हो गए. परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से जवाब मांगा. प्रदेशभर के सभी बसों की फिटनेस जांच करने के आदेश दिए और जैसे ही रिपोर्ट सामने आई अधिकारियों पर एक्शन का खाका तैयार होने लगा. क्योंकि जिस बस से हादसा हुआ उसका हर कागज खराब था.

बस की परमिट 2 जनवरी 2024 तक की ही थी, फिटनेस सर्टिफिकेट 2021 में ही एक्सपायर हो गया था और बीमा की आखिरी तारीख 13 फरवरी 2024 थी, बस प्रदूषण का सर्टिफिकेट सही था. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर ये बस दौड़ कैसे रही थी. बात-बात पर लोगों की बाइक रोक लेने वाले ट्रैफिक पुलिस के बड़के साहब कहां सो रहे थे, तो इसकी जो कहानी सामने आई है वो और डराने वाली है.

इस खटारा बस का नाम है नमस्ते बिहार, जो बिहार से लोगों को दिल्ली लाती थी. बस के मालिक शिवहर के रहने वाले शिवनारायण सिंह हैं, लेकिन कभी हादसे में फंस न जाए इससे बचने के लिए बस को ड्राइवर के नाम पर ही ट्रांसफर कर दिया था. मतलब 30 लाख की बस का मालिक 20 हजार रुपया महीना कमाने वाला ड्राइवर था. दिल्ली में रहने वाला चंदन जायसवाल अधिकारियों को रिश्वत दे-देकर ये बस चलवाता न बिहार में कोई बस को रोकता औऱ ना ही यूपी में किसी अधिकारी की हिम्मत होती कि नमस्ते बिहार वाली बस पर ब्रेक लगवा दे.

पर अब मालिक और ड्राइवर दोनों की हालत खराब होने वाली है, क्योंकि योगी का बुलडोजर किसी भी वक्त बिहार की ओर भी मुड़ सकता है और इस बार बिहार में बाबा का बुलडोजर रोकने वाला कोई नहीं होगा. क्योंकि नीतीश कुमार खुद बीजेपी के साथ आ चुके हैं. बिहार और यूपी पुलिस मिलकर लगातार ऑपरेशन भी चला रही है. बीते दिनों मुजफ्फरनगर में शहाबुद्दीन के एक गुर्गे को यूपी पुलिस ने निपटाया भी था, जिसका एहसान चुकाने की बारी अब यूपी पुलिस की है. क्योंकि अगर इस हादसे के बाद तगड़ा एक्शन नहीं हुआ तो महाकुंभ में बड़ा हादसा हो सकता है.

यूपी की सड़कों पर खटारा बसों की संख्या बढ़ सकती है. इसलिए सीएम योगी का साफ आदेश है मौत बांटने वाली ऐसी बसों को रोको, मालिकों का पता लगाओ, रिश्वतखोर अधिकारियों को ढूंढो, क्योंकि मामला जनता की सुरक्षा से जुड़ा है. अगर आप कभी ऑनलाइन बस बुक करते होंगे, तो कई बार ऐसी समस्या आई होगी कि बुकिंग के वक्त बस का नंबर कुछ और आया औऱ बस पकड़ने गए तो किसी औऱ बस में बिठा दिया गया.

ये खेल पटना से लेकर वाराणसी, इलाहाबाद और आगरा तक खूब चल रहा है. ऐसे में लोग महंगा किराया भी चुकाते हैं और खटारा बस में बैठकर अपनी जान को हथेली पर लेकर भी चलते हैं, जिसे रोकना बेहद जरूरी है. अगर आप भी चाहते हैं ऐसे बसों की रफ्तार थमे और ऐसे बस मालिकों को जेल हो तो इतना कमेंट कीजिए कि कोई अधिकारी लापरवाही न करे.

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