Pune court issues summons to Rahul Gandhi: अमेरिका में सिखों को लेकर बयान देने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लगातार घिरते नजर आ रहे हैं. इसी बीच एक अन्य मामले में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष (Lok Sabha Leader of Opposition) की मुश्किल बढ़ गई है. दरअसल, पुणे की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को समन (Summons to Rahul Gandhi) भेजा है. राहुल गांधी को यह समन विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) के पोते सात्यकी सावरकर (Satyaki Savarkar) की ओर से दायर याचिका के बाद जारी किया गया है.
सात्यकी सावरकर ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने पिछले साल ब्रिटेन की यात्रा के दौरान हिंदुत्व विचारक सावरकर (Savarkar) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. सात्यकी सावरकर ने इस संबंध में अप्रैल 2023 में कोर्ट में मामला दायर किया था. उनका दावा है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन यात्रा के दौरान सावरकर के बारे में गलत बयान दिया था और जानबूझकर बेबुनियाद आरोप लगाए.
सात्यकी सावरकर ने कहा कि राहुल गांधी जानते थे कि ये आरोप झूठे हैं, फिर उन्होंने बेबुनियाद आरोप लगाए और उनकी (सावरकर) प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया. शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने लंदन में कहा था कि सावरकर ने एक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे और उनके दोस्त एक अल्पसंख्यक व्यक्ति की पिटाई कर रहे थे और जो कुछ हो रहा था, उससे उन्हें खुशी मिल रही थी, जबकि यह बेबुनियाद आरोप है.
गौरतलब हो कि 23 मार्च 2023 को सूरत की सीजेएम कोर्ट ने एक अन्य मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी उस समय सांसद थे, जिसके बाद राहुल गांधी की सांसदी भी चली गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दिया था. राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी, जिसपर कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया था.
बता दें कि किसी भी सांसद या विधायक को अगर 2 साल या इससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसकी संवैधानिक सदस्यता खत्म हो जाती है. राहुल गांधी के साथ भी ऐसा ही हुआ था. सांसदी चले जाने के बाद राहुल गांधी को सरकारी आवास भी खाली करना पड़ गया था. घर खाली करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि था कि उसे सत्य बोलने की कीमत चुकानी पड़ी है.