कौन हैं UP के नए DGP,जिन्होंने पद संभालते ही कहा, ऐसा ऐप बनाएंगे,जो अपराधियों के सिर के बाल भी गिन लेगा

Global Bharat 01 Apr 2023 3 Mins 56 Views
कौन हैं UP के नए DGP,जिन्होंने पद संभालते ही कहा, ऐसा ऐप बनाएंगे,जो अपराधियों के सिर के बाल भी गिन लेगा

कौन हैं UP के नए DGP

यूपी पुलिस के डीजीपी डीएस चौहान जैसे ही रिटायर हुए, ये चर्चा छिड़ गई कि नए डीजीपी की रेस में प्रशांत कुमार आगे हैं, वही मूंछों वाले आईपीएस जो योगी के सबसे खास माने जाते हैं, लेकिन योगी का फैसला आया तो उसमें नाम IPS आरके विश्वकर्मा का नाम था, जिनके बारे में हम बताएं उससे पहले उनका बयान सुनिए, फिर समझाते हैं इस बयान की वजह से उन्हें जूनियर योगी क्यों कहा जाना लगा. आरके विश्वकर्मा ने पद संभालते ही कहा.

आरके विश्वकर्मा, यूपी के नए डीजीपी

क्लाउड पर एक कंप्यूटर डेटाबेस बनाएंगे, जिसमें माफियाओं और अपराधियों का पूरा प्रोफाइल होगा, उनकी खोपड़ी में कितने बाल हैं, कितने रिश्तेदार हैं, बैंक अकाउंट, फाइनेंसर और शरण देने वाले, सब पकड़े जाएंगे. इनकी पूरी कुंडली बस एक डेटाबेस में होगी. जो भी अपराधी बचे हैं उन्हें जेल भेजा जाएगा.

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बिल लेकर आए थे, जिसका नाम था क्रिमिनल प्रोसीजर बिल 2022
मतलब पूरा डेटाबेट एक ऐप की तरह हो सकता है, जिसमें नाम डालते ही पूरी कुंडली निकल जाएगी. जैसे आप खाना मंगवाते हैं, लोकेशन पता करते हैं, वैसे ही पुलिस अपराधियों का पूरा भूत-भविष्य वर्तमान जान जाएगी, ये सुनकर हो सकता है आपको अच्छा लगे, आप ये कहें कि डीजीपी साहब तो बिल्कुल योगी के नक्शेकदम पर हैं, जो हाइटेक बुलडोजर लेकर आने वाले हैं. लेकिन आरके विश्वकर्मा ने जैसे ही ये बात कही, कानून के कई जानकार कहने लगे कि ये कैसे हो सकता है, ये तो अपराधियों की निजता का उल्लंघन है, संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ है, तो ऐसा नहीं है, आपको याद होगा डेढ़ साल पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बिल लेकर आए थे, जिसका नाम था क्रिमिनल प्रोसीजर बिल 2022,

जिसके मुताबिक जिस भी व्यक्ति पर आरोप सिद्ध हो चुका है, या आपराधिक मामलों में उसकी गिरफ्तारी हुई है तो पुलिस उसका शारीरिक और जैविक नमूना ले सकती है, जिसमें अपराधी की लंबाई, वजन, फिंगर प्रिंट, हथेली प्रिंट, फुटप्रिंट, फोटो, आइरिस और रेटिना यानि आंखों का सैंपल, डीएनए टेस्ट, साइन और कई डिटेल ले सकती है. इसका फायदा ये होगा कि अगर वो दूसरी बार अपराध करेगा तो पुलिस एक बार में समझ जाएगी ये वही व्यक्ति है और पुलिस की नजर से बचकर ज्यादा दिनों तक भाग नहीं सकेगा. फिर सवाल ये उठता है जो बाद में बरी होते हैं, उनका क्या, क्योंकि हमारे देश में फैसला तो कई साल में आता है, तो उनका ये सारा डेटा नष्ट कर दिया जाएगा. ये बात देश की संसद में एक साल पहले हुई थी, लेकिन उसके बाद किसी पुलिस अधिकारी ने ऐसा बयान नहीं दिया कि हम इसे कड़ाई से लागू करेंगे, शायद आरके विश्वकर्मा ने उस कानून का ज्यादा बारीकी से पढ़ा हो, हो सकता है इसीलिए ऐसा कह रहे हों.

56 साल के IPS आरके विश्वकर्मा जौनपुर के रहने वाले हैं, मैकेनियल इंजीनियरिंग के बाद पीएचडी की डिग्री ली
1992 में IPS बने, कई जिलों में एसएसपी के पद पर तैनात रहे, यूपी के हर जिले की नब्ज अच्छी तरह जानते हैं
बीते 3 साल से पुलिस भर्ती प्रोनति बोर्ड के महानिदेशक की जिम्मेदारी देख रहे थे, अब पूरा पुलिस विभाग संभालेंगे

हालांकि पद संभालते ही जैसा तगड़ा बयान इन्होंने दिया है, वैसी ही कार्रवाई करके भी दिखानी होगी. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती उमेश पाल केस के आरोपियों को गिरफ्तार करवाना होगा, जिन तक पुलिस करीब एक महीने बाद भी नहीं पहुंच पाई है. इसके अलावा शांतिपूर्ण नगर निकाय चुनाव करवाना भी इनके लिए बड़ी जिम्मेदारी होगी, क्योंकि निकाय चुनाव में कई तरह के माफिया धन-बल की दम पर सियासी रोटियां सेंकने की कोशिश कर सकते हैं, अगर आपके आसपास कोई ऐसा करे तो इसकी सूचना तुरंत नए डीजीपी को दें जो शायद अपराधियों को सिर खुजाने का भी मौका नहीं देंगे. अगर आप इन्हें कुछ सुझाव देना चाहते हैं, तो हमें कमेंट में बता सकते हैं.