नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से मांग की है कि राज्य के मतदाता सूची से करीब 96 लाख फर्जी वोटरों को हटाया जाए. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि अगर यह मांग पूरी नहीं हुई, तो 1 नवंबर को मुंबई में विशाल रैली निकाली जाएगी. मुंबई के सेना भवन में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना (यूबीटी), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और कांग्रेस के नेता शामिल थे.
राउत ने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने फर्जी वोटरों पर कार्रवाई नहीं की, तो विपक्ष सड़कों पर उतरेगा. एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने दावा किया कि स्थानीय चुनावों से पहले महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी वोटर जोड़े गए हैं. राउत ने बताया कि बीजेपी की मंदा म्हात्रे और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के संजय गायकवाड़ जैसे सत्ताधारी विधायकों ने भी वोटर सूची में गड़बड़ी की बात कही है.
राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे, शरद पवार और राज ठाकरे इस रैली का नेतृत्व करेंगे, और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. विपक्ष ने 14 अक्टूबर को राज्य चुनाव आयुक्त को मतदाता सूची की खामियों के बारे में एक पत्र सौंपा था. राउत ने कहा, "हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग तुरंत एक करोड़ फर्जी वोटरों को हटाए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो 1 नवंबर को विरोध प्रदर्शन होगा.
31 जनवरी, 2026 तक ग्रामीण और शहरी निकाय चुनाव पूरे होने चाहिए, और उससे पहले मतदाता सूची साफ होनी चाहिए." चुनाव आयोग ने जवाब दिया कि कोई भी राजनीतिक दल मतदाता सूची के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता और सुधार सुरक्षित तरीके से किए जा रहे हैं. कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने चुनाव आयोग की कार्यशैली की आलोचना की और कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है.
एमएनएस नेता बाला नांदगांवकर ने कहा कि चुनाव आयोग ने समस्या स्वीकारी है, लेकिन जनता को कार्रवाई की जरूरत है. एनसीपी (एसपी) नेता जयंत पाटिल ने चुनाव आयोग के जवाब को "असंतोषजनक" बताया और कहा कि विपक्ष सत्ताधारी दलों के सदस्यों को भी इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है. विपक्ष का यह कदम देशभर में चुनावी गड़बड़ी के व्यापक दावों के बीच आया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने "वोट चोरी" का आरोप लगाया है, जिसमें उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और बीजेपी मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहे हैं. अगस्त में, उन्होंने उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में गड़बड़ियों का जिक्र किया. राज ठाकरे ने भी इन आरोपों का समर्थन किया और फर्जी वोटरों पर नजर रखने की बात कही.
सितंबर में, राहुल गांधी ने एक प्रस्तुति में दावा किया कि सॉफ्टवेयर के जरिए वोटरों को हटाया जा रहा है.महाराष्ट्र के विपक्ष का कहना है कि यह समस्या उनके राज्य तक सीमित है. वे बढ़ी हुई मतदाता सूची, दोहरे नाम और फर्जी प्रविष्टियों को लेकर स्वच्छ चुनावों के लिए खतरा मानते हैं.