2027 विधानसभा चुनाव का ऐलान अवधेश प्रसाद ने अयोध्या की एक महापंचायत से करने वाले हैं, 20 जुलाई को अयोध्या में पीडीए महापंचायत होने वाला है, और इसका नेतृत्व सपा सांसद अवधेश प्रसाद ही करेंगे, इससे पहले 30 जून को सपा कार्यालय में एक बड़ी बैठक होगी, जिसमें जिले और ब्लॉक लेवल के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है. बैठक में योगी आदित्यनाथ को घेरने का पूरा प्लान समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के देखरेख में तैयार करेगी. अवधेश ने खुली चुनौती देते हुए कहा- यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त है, आम लोगों और गरीबों को सताया जा रहा है. 20 जुलाई को पीडीए की महापंचायत हो रहा है, और हम ऐलान करते हैं कि 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी.
क्या अवधेश प्रसाद और अखिलेश यादव मिलकर योगी आदित्यनाथ
सवाल उठता है कि क्या सच में अवधेश प्रसाद और अखिलेश यादव मिलकर योगी आदित्यनाथ को चुनाव हरा पाने का दम रखते हैं, जरा इस विश्लेषण से समझिए. यूपी में समाजवादी पार्टी अयोध्या से लेकर अलीगढ तक पीडीए महापंचायत करने वाली है, इस पीडीए महापंचायत के दो मकसद हैं, पहला पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी पीडीए कैंडिडेट पर फोकस करेगी, जिससे 2027 में बूथ लेवल पर अपने पीडीए चेहरों को खड़ा कर पाए. दूसरा अखिलेश यादव पीडीए के बहाने बीजेपी में खलबली पैदा करने की कोशिश करेंगे ताकि बीजेपी गलती करके 2027 का चुनाव योगी के नाम पर न लड़े. लोकसभा में योगी को थोड़ा पीछे करना बीजेपी को भारी पड़ा था, और विधानसभा चुनाव में अखिलेश और राहुल की जोड़ी यही उम्मीद लगाए बैठी है . हालांकि अब योगी को समझ में आ चुका है कि पीडीए को मात देने के लिए केशव प्रसाद मौर्या से सारे गिले-शिकवे छोड़कर हाथ मिलाने का दौर आ गया है. लखनऊ की गलियारों में सपा की काट के लिए चर्चा है कि केशव प्रसादम र्या यूपी बीजेपी या बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं.
महापंचायत से अवधेश प्रसाद ने कहा- बीजेपी को सिर्फ एक पक्ष का वोट चाहिए

राहुल गांधी और अखिलेश यादव पंचायत चुनाव अलग-अलग लड़ने का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन यूपी में एक सियासी हवा ऐसी बहने वाली है जिससे योगी आदित्यनाथ को भारी परेशानी होने वाली है. राजनीतिक पंडित कहते हैं पीडीए की आड़ में समाजवादी पार्टी प्रदेश में कोई ब्राह्मण आंदोलन खड़ा करने वाली है. अखिलेश यादव लंदन के ट्रिप से वापस आए हैं, तो कोई बड़ी तैयारी कर रहे हैं, अखिलेश यादव जब भी लंदन जाते हैं तो उनके लौटने के बाद यूपी में हलचल पैदा हो जाती है.अयोध्या में समाजवादी पार्टी को करारी हार मिली, उसके बाद अवधेश प्रसाद ने प्रभु श्रीराम के सामने घुटने टेक दिए और अब लगातार राम मंदिर जाकर दर्शन कर रहे हैं, कई बार तो अवधेश प्रसाद अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंचे हैं, लेकिन ये रफ्तार उनके बेटे की हार से पहले धीमी थी. समाजवादी पार्टी योगी को इसलिए हारने में अभी ताकतवर महसूस नहीं कर पा रही है क्योंकि उन्हें दोनों तरफ का वोट चाहिए. उनके पूर्व सांसद एसटी हसन कहते हैं- जुम्मे की नमाज के लिए ब्रेक नहीं दिया जाता लेकिन योग के लिए ब्रेक दिया गया. ये कोई इबादत नहीं है, सरकार को सभी के जज्बात का ख्याल रखना चाहिए. यानि यहां पर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम नेता सनातन धर्म की संस्कृति का विरोध कर रहे हैं, योग सनातन धर्म से जुड़ा है इसलिए योग का विरोध कर रहे हैं.
योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद एसटी हसन पर थोड़ी ही देर में पलटवार कर दिया. वो कहते हैं- ये वही लोग हैं, जिनके पुरखों की वजह से पाकिस्तान बना, इन्हीं लोगों की वजह से सपा सत्ता से दूर है. जबकि बीजेपी को सिर्फ एक पक्ष का वोट चाहिए इसका ऐलान योगी आदित्यनाथ 2022 के चुनाव में ही कर चुके थे कि चुनाव 80 बनाम 20 होगा और आज भी योगी आदित्यनाथ उसी नैरेटिव पर खड़े हैं कि चुनाव 80 बनाम 20 होगा. इसीलिए पहले अवधेश प्रसाद ये तय कर लें कि उन्हें राम मंदिर जाकर सनातन धर्म को दिल से स्वीकार करना है या पीडीए की महापंचायत करके मुसलमानों का वोट लेने की तैयारी में हैं. अवधेश प्रसाद का इतिहास हम खंगालना नहीं चाहते, क्योंकि पहले पन्ने पर उनकी दोस्ती मोईद से लिखी है.
awadhesh prasad 2027 challenge
yogi adityanath vs sp
sp mp dares yogi
2027 uttar pradesh elections
mahapanchayat sp statement
sp leader targets yogi
uttar pradesh political news
yogi 2027 faceoff
sp vs bjp up elections
awadhesh prasad latest news