नई दिल्ली: महागठबंधन की सत्ता में आने पर बिहार सरकार में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को लेकर चल रही बहस के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और विपक्ष के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने शनिवार को पुष्टि की कि कई उपमुख्यमंत्री होंगे, जिनमें मुस्लिम समुदाय से भी एक शामिल होगा. हाल ही में, जब विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश साहनी को महागठबंधन की ओर से उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया, तब से राज्य की 17 प्रतिशत आबादी वाले मुस्लिम समुदाय के लिए उपमुख्यमंत्री पद की मांग तेज हो गई है.
महागठबंधन के सहयोगी कांग्रेस के नेताओं ने भी इस मांग का खुलकर समर्थन किया है. इंडिया टुडे को दिए विशेष साक्षात्कार में, जब तेजस्वी यादव से पूछा गया कि क्या मुस्लिम उपमुख्यमंत्री होगा, तो उन्होंने बिना विस्तार के कहा, ''हां, निश्चित रूप से.'' जब यह दबाव डाला गया कि क्या कई उपमुख्यमंत्री होंगे, जिनमें दलित समुदाय से एक और मुस्लिम समुदाय से एक, तो यादव ने कहा कि कई उपमुख्यमंत्रियों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है.
तेजस्वी यादव ने कहा, ''जिस दिन यह घोषणा हुई थी, उसी दिन अशोक गहलोत जी ने कहा था कि अगर मुकेश साहनी को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा, तो अन्य भी होंगे. विभिन्न वर्गों द्वारा उठाई गई चिंताओं का समाधान किया जाएगा. हम आपके चैनल के माध्यम से यही संदेश देना चाहते हैं.'' जब विशेष रूप से पूछा गया कि क्या मुस्लिम और दलित समुदायों से अन्य उपमुख्यमंत्री होंगे, तो यादव ने दोहराया, ''हां, निश्चित रूप से होंगे.''
उन्होंने आगे कहा कि जबकि भाजपा अक्सर प्रतिनिधित्व की बात करती है, वास्तव में समावेशिता टिकट वितरण में महागठबंधन ने ही सुनिश्चित की है. तेजस्वी यादव ने कहा कि इस बार, अगर किसी ने अल्पसंख्यकों को टिकट दिए हैं, तो वह आरजेडी और महागठबंधन हैं. हमने सभी को प्रतिनिधित्व दिया है, अल्पसंख्यक, ओबीसी, ईबीसी और यहां तक कि ऊपरी जातियां भी.
इस बीच, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन ने भी समुदाय तक पहुंच बनाई है, दावा करते हुए कि जद(यू) और उसके सहयोगी ही राज्य में मुसलमानों के साथ वास्तव में खड़े रहे हैं, जबकि महागठबंधन ने उन्हें केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है. बिहार के मुख्यमंत्री और जद(यू) नेता नीतीश कुमार ने हाल ही में आरोप लगाया कि विपक्षी नेता अल्पसंख्यक समुदाय को लुभाने के लिए विभिन्न तरकीबें अपनाते हैं, लेकिन उन्हें सार्थक प्रतिनिधित्व देने में असफल रहे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा था कि चुनाव आते ही कुछ लोग (विपक्षी नेता) फिर से खुद को मुस्लिम समुदाय का हितैषी बताने की कोशिश करते हैं. यह शुद्ध धोखा है. वे मुसलमानों को केवल अपना वोट बैंक मानते हैं. उन्होंने आगे कहा कि एनडीए सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हर क्षेत्र में उचित प्रतिनिधित्व पा रहे हैं. बिना किसी भेदभाव के, उन्हें हर क्षेत्र में उनका हक मिल रहा है, जबकि पिछली सरकारों ने मुस्लिम समुदाय को केवल वोट के लिए इस्तेमाल किया, बिना सत्ता में कोई वास्तविक हिस्सा दिए.
तेजस्वी यादव ने एनडीए पर पलटवार करते हुए मुस्लिम प्रतिनिधित्व को लेकर उसकी अचानक चिंता को “पाखंडपूर्ण” बताया, खासकर जब गठबंधन पर अतीत में मुस्लिम-विरोधी बयानबाजी का आरोप लगता रहा है.