...ये तस्वीरें हैं, यूपी के मुजफ्फरनगर की, किसान नेता राकेश टिकैत के साथ दो पुलिसकर्मी खड़े होते हैं. वो आसपास के लोगों को समझा रहे होते हैं, तभी राकेश टिकैत आगे बढ़ते हैं. लेकिन भीड़ में खड़े किसी ने उसी दौरान राकेश टिकैत की पगड़ी खींच ली. हालांकि अगले ही पल पगड़ी राकेश टिकैत के सिर पर पहुंच जाती है, लेकिन उसके बाद जो होता है वो और हैरान करने वाला होता है.
भीड़ से घिरे टिकैत के आसपास खड़े कुछ लोगों के हाथों में डंडा भी नजर आता है, कई लोग ये दावा करते हैं कि टिकैत के ऊपर लाठियों से भी हमला करने की कोशिश की गई है. हालांकि मुजफ्फरनगर पुलिस इन दावों का खंडन करती है, वहां के एसपी ने बताया किसी भी तरह का हमला नहीं हुआ.
भीड़ देखकर ऐसा लगता है जैसे लोग बेहद गुस्से में हैं, ज्यादा जानकारी जुटाने पर पता चलता है कि पहलगाम में हुई घटना के विरोध में मुजफ्फरनगर के टाउन हॉल ग्राउंड में जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें छोटे-बड़े 168 हिंदू संगठन के लोग शामिल थे, रैली इतना भव्य था, इसके समर्थन में बाजार तक बंद रखा गया था. लेकिन शाम साढ़े 5 बजे जैसे ही राकेश टिकैत रैली में पहुंचे, गाड़ी से उतरते ही उनका विरोध शुरू हो गया. लोगों ने राकेश टिकैत वापस जाओ के नारे लगाने शुरू कर दिए.
हालांकि राकेश टिकैत को लगा कि समझा-बुझाकर नाराजगी दूर कर लेंगे, इसलिए वो लोगों को समझाते नजर आए, यहां तक कि उनकी सुरक्षा में खड़े पुलिसकर्मियों ने भी लोगों को समझाया, पर बात नहीं बनी. विरोध कर रहे लोगों से जब पूछा गया कि आखिर राकेश टिकैत ने ऐसा क्य कर दिया है, तो उनका कहना था कि इनके बड़े भाई नरेश टिकैत ने कहा है कि पाकिस्तान का पानी रोका जाना सही नहीं है, भारत और पाकिस्तान का किसान एक है.
जबकि राकेश टिकैत ने कहा था इसके लिए पूरे पाकिस्तान को दोष देना ठीक नहीं है. सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. इस बयान के बाद से ही राकेश टिकैत का विरोध हो रहा था, और जब मुजफ्फरनगर वो पहुंचे तो वहां लोगों का गुस्सा साफ सामने आया, जिसका वीडियो वायरल हुआ तो राहुल कुमार नाम के यूजर ने लिखा मुजफ्फरनगर की मिट्टी जानती है, जवाब कैसे देना है, ऐसे बिके हुए नेताओं को. जाट और किसानों ने दिखा दिया, जो पाकिस्तान की भाषा बोलेगा वो जनता से थप्पड़ खाएगा.
वहीं सर्जिकल वे नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा बक्कल तारना क्या होता है, आप भी देखिए और समझिए. हालांकि इस घटना को लेकर राकेश टिकैत का दावा है कि किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. आतंकवाद के मुद्दे पर जनता विरोध प्रदर्शन में आ रही है हम भी इसीलिए आए थे लेकिन कुछ लोगों ने हल्ला कर नारेबाजी कर दी यह ठीक नहीं है. हम इससे भी बड़ा प्रदर्शन करेंगे और ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.
यानि टिकैत की टीम अब ट्रैक्टर मार्च निकालेगी, लेकिन सवाल है राकेश टिकैत के भाई ने आखिर पाकिस्तान का पानी रोके जाने पर पाकिस्तानप्रेम वाली भाषा क्यों बोली, और राकेश टिकैत ने उसका समर्थन क्यों किया, क्या ये खुद को हिंदुस्तान के किसानों का नेता मानते-मानते इंटरनेशनल किसान नेता मानने लगे हैं.