...ये मकान जितना आलीशान दिख रहा है, इसके मालिक के कारनामे उतने ही घिनौने हैं, जिस मकान पर बुलडोजर गरज रहे हैं, ये मछली परिवार का मकान है, जो साल 1990 में सरकारी जमीन पर कब्जा करके बना था. 15 हजार स्कवॉयर फीट में बने इस मकान में करीब 30 से ज्यादा कमरे हैं, जिसकी कीमत करीब 25-30 करोड़ रुपये है, घर के अंदर गाड़ियों के लिए गैराज, घूमने के लिए पार्क और झूला सबकुछ बनाया हुआ था, लेकिन मोहन यादव की पुलिस ने इन सबको जमींदोज कर दिया. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कैसे बुलडोजर एक्शन से पहले घर से कूलर समेत तमाम सामान निकाले जा रहे हैं. 6 बुलडोजर और कई पोकलेन मशीनों ने इस अवैध महल को कुछ ही घंटों में ध्वस्त कर दिया, जिसके बाद लोग पूछ ऱहे हैं इसने किया क्या था, और इतने पैसे इसने कमाए कैसे तो वो भी सुनिए.
इस घर के मालिक मछली परिवार के दो मेंबर यासीन मछली और शाहवर मछली ने मिलकर भोपाल में तीन गंदे खेल रचे, पहला नाबालिग लड़कियों को नशा देते, दूसरा उन्हें पार्टियों में भेजते, वहां गलत वीडियो बनवाते और तीसरा फिर उन्हें ब्लैकमेल करते....इस पूरे मामले में थाई महिला से लेकर नाइजीरियन पुरुष समेत दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनका ग्रुप राजस्थान से दिल्ली तक फैला है. पर पूरे मामले का खुलासा होता है 18 जुलाई को जब, भोपाल से 28 साल के सैफुद्दीन और आशू ऊर्फ शाहरूख को 3 लाख कीमत के नशे के सामान के साथ पकड़ा. 23 जुलाई को शाहवर ऊर्फ मछली और उसके भतीजे यासीन अहमद को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा, जिसने कई राज उगले.
ये खुलासा हुआ कि दबंगई के दम पर इन्होंने सरकारी जमीन पर बिना इजाजत के बनाए गए मदरसा, मैरिज लॉन, रिसॉर्ट, कारखाना, फार्महाउस और गोदाम बनाए हैं. पुलिस ने सबकी लिस्ट बनाई और एक साथ 6 जगहों पर बुलडोजर एक्शन चलाया. हालांकि इस पूरे मामले पर सियासत भी शुरू हो चुकी है. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है भोपाल के ये भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार और अपराधियों के साथ मिलीभगत को उजागर करता है, मोहन यादव को ये बताना चाहिए कि उनके किसी मंत्री का तो इससे संबंध नहीं था.
बिना किसी शह के कोई इतना बड़ा खेल कैसे चला रहा था, ये सवाल पूरा विपक्ष पूछ रहा है, लेकिन मोहन यादव के एक्शन ने ये बता दिया है कि अगर गलती की है तो बुलड़ोजर चलेगा, बीते दिनों मोहन यादव ने कहा था, ''लव जिहाद' और 'ड्रग माफिया' को राज्य सरकार किसी भी कीमत पर बख्शेगी नहीं. महिलाओं पर बुरी नजर डालने वालों और आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों को एक-एक कर ठिकाने लगाया जाएगा.'' यहां तो यासीन मछली और शाहवर मछली दोनों खेल रच रहे थे, अब दोनों जेल के भीतर हैं, जबकि शारिक मछली अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है.