कानपुर में घर-घर क्यों सुनी जा रही विकास दुबे की कहानी, क्या बिकरू पार्ट2 की हो रही तैयारी?

Global Bharat 15 Feb 2023 3 Mins 51 Views
कानपुर में घर-घर क्यों सुनी जा रही विकास दुबे की कहानी, क्या बिकरू पार्ट2 की हो रही तैयारी?

कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार के घर पर बुलडोजर चला, तो कुछ लोग विकास दुबे की कहानी दोबारा सुनने लगे, बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे ने जो किया उसका अंजाम क्या हुआ, सब जानते हैं, लेकिन उसके बावजूद ये दावे किए जा रहे हैं कि योगीराज में बिकरू पार्ट2 की तैयारी हो रही है, हम आपको पूरी कहानी तफसील से समझाएं, उससे पहले ये वीडियो देखिए,
ये हैं कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन,

जिन्हें डांस करने का इतना शौक है कि 12 फरवरी को जब कानपुर महोत्सव हुआ तो कैलाश खेर के गाने पर ये खुद ही जुंबा डांस करने लगीं, मतलब इनके पास वक्त की कोई कमी नहीं है, लेकिन जब मड़ौली गांव की मां-बेटी इनसे मिलनी पहुंची तो इन्होंने कहा टाइम नहीं है, आज उस मां-बेटी की मौत के बाद मड़ौली गांव में पुलिस प्रशासन का तांता लगा है, कानपुर से कमिश्नर साहब तक पहुंच गए, सीएम योगी के फोन के बाद राज्यमंत्री भी पहुंच गईं, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि डीएम साहिबा आपके साथ क्यों नहीं आईं तो उनका जवाब चौंकाने वाला था.

रिपोर्टर- इतनी बड़ी घटना हुई डीएम मौके पर नहीं आई
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला- अब ये देखिए हम क्या बता सकते हैं, डीएम के लिए, हम पहले ही कह रहे हैं, भाई हम क्या कह सकते हैं डीएम के लिए, हम तो यही कह सकते हैं, डीएम ने गलती की होगी, जिसकी गलती न हो वो तो आता ही है.
रिपोर्टर- महोत्सव जरूरी है या ऐसी घटनाओं में पहुंचना जरूरी है, रात में उनका डांस चल रहा था
राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला- महोत्वस तो खत्म हो चुका है.

खैर ये तो इस कांड का पहला अध्याय था, जबकि दूसरा अध्याय ये है कि ब्राह्मणों का विरोध करने वाली कांग्रेस, सपा औऱ बसपा सब इस पर जाति की राजनीति करने लगे हैं, और यहीं से सियासी बिकरू पार्ट2 की कहानी की शुरुआत हो सकती है, योगी की पुलिस का जैसा खौफ है और बुलडोजर की जो पॉलिसी है, उससे कोई माफिया बनने की हिम्मत तो नहीं कर पाएगा, ऐसे में जितने ब्राह्मण हैं, वो अगर एकजुट हुए तो वोट के जरिए बीजेपी को थोड़ी बहुत नुकसान पहुंचाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं.

यूपी में करीब 12 फीसदी ब्राह्मण वोटर्स हैं, 403 में से 60 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ब्राह्मण निर्णायक भूमिका में हैं, और उनमें से ज्यादातर पर बीजेपी का कब्जा है, 2017 के चुनाव में जब योगी बाबा पहली बार सीएम बने तो उनके 312 में से 58 विधायक ब्राह्मण थे, दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम बने थे औऱ 9 ब्राह्मण मंत्री भी बने थे.
2022 के चुनाव में भी लगभग ऐसी ही कहानी दोहराई गई, और चूंकि इस कांड के बाद से बड़ा नुकसान हो सकता है, इसीलिए इसकी जिम्मेदारी ब्रजेश पाठक को सौंपी गई हैं, उन्होंने घटना के तुरंत बाद पीड़ितों से वीडियो कॉल पर बातचीत की, कुछ लोग इसे सिंपैथी बता रहे हैं, पर शायद वो ये भूल रहे हैं कि हमारे देश में सिपैंथी पॉलिटिक्स का भी एक इतिहास रहा है, किसी भी इलाके का कोई बड़ा क्रिमिनल अगर मारा जाता है और उसके पास अगर वोटबैंक हो तो नेताओं का तांता उसके यहां भी लगने लगता है, आपमें से कई लोगों ने ये देखा भी होगा. पहले तो ये तक होता था कि पुलिस तभी जागती थी जब घटना को अंजाम दे दिया जाता था, लेकिन कानपुर के मड़ौली गांव में कहानी उल्टी हो गई. वहां गांव के ही एक गौरव दीक्षित ने पुलिस को शिकायत दी कि फलां ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है, जब नोटिस मिला तो पीड़ित परिवार एसडीएम साहब के पास भी पहुंचे लेकिन उन्होंने इस परिवार को ही भूमाफिया बता दिया, और बाद में एसडीएम साहब ही बुलडोजर लेकर घर गिराने पहुंच गए.

पुलिसवालों का दावा है कि मां-बेटी ने खुद को घर में बंद कर लिया और खुद ही घटना को अंजाम दिया, जबकि गांव वालों का कहना है कि पुलिस ने लापरवाही की, सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि अगर बुलडोजर चलाना इतना ही जरूरी था, तो फिर मां-बेटी को घर से निकाला क्यों नहीं, क्या ये काम 60 सेकेंड के भीतर नहीं हो सकता था.
कहा जा रहा है कि कुछ अधिकारी बुलडोजर के नाम पर मनमानी करने लगे हैं, ऐसे में इन पर कार्रवाई जरूरी है, इस कांड में एसडीएम से लेकर लेखपाल तक पकड़े जा चुके हैं, लेकिन सवाल उनके पकड़े जाने से ज्यादा इस बात का है कि बाबा के बुलडोजर को कुछ अधिकारियों ने बदनाम करने का बीड़ा क्यों उठा लिया है.

https://youtu.be/3ps95wfUGsc