नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को नागपुर हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी चेतावनी दी. फडणवीस ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों को "कब्र से खोदकर निकाला जाएगा" और न्याय के कटघरे में पेश किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र विधानसभा में फडणवीस ने कहा, "नागपुर में आगजनी के दौरान पुलिस पर हमला करने वालों को कब्र से खोदकर निकाला जाएगा. पुलिस पर हमले अक्षम्य हैं. उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे."
उनका यह बयान सोमवार रात की हिंसा के दौरान कथित तौर पर दंगाइयों द्वारा एक महिला कांस्टेबल के साथ मारपीट करने और उसके कपड़े उतारने की कोशिश करने पर आक्रोश के बीच आया है. भीड़ ने पत्थर और पेट्रोल बम फेंके थे, जिसमें तीन डीसीपी रैंक के अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. फडणवीस ने जोर देकर कहा कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने के इरादे से हिंसा पूर्व नियोजित थी.
उन्होंने स्पष्ट किया, "नागपुर के पुलिस आयुक्त ने कहा कि जांच से पता चलेगा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी या नहीं. मैंने कोई विरोधाभासी बात नहीं कही है." उन्होंने आश्वासन दिया कि नागपुर शहर में स्थिति अब शांत है. नागपुर से ताल्लुक रखने वाले मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि शहर अपनी शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है.
"1992 के बाद शहर में कोई दंगा नहीं हुआ. हिंसा की योजना कुछ लोगों ने बनाई थी. (विहिप के विरोध के दौरान) केवल औरंगजेब की कब्र की प्रतिकृति जलाई गई थी. हमने पुष्टि की है कि कोई आयत (कुरान की आयतें) नहीं जलाई गई थीं. लेकिन जानबूझकर अफवाहें फैलाई गईं.'' फडणवीस ने चेतावनी दी कि जो लोग सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए ऐसी अफवाहें फैलाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा कि कुछ गिरफ्तारियां पहले ही हो चुकी हैं.
बता दें कि सोमवार की रात, भीड़ ने मध्य नागपुर में उत्पात मचाया, वाहनों को नुकसान पहुंचाया, पुलिस पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके और घरों पर हमला किया. हिंसा कथित तौर पर इस अफवाह के कारण शुरू हुई थी कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विहिप के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र शिलालेखों वाली एक 'चादर' जलाई गई थी. एफआईआर के अनुसार, कुछ दंगाइयों ने कथित तौर पर एक महिला कांस्टेबल को अनुचित तरीके से छुआ और हिंसा के दौरान उसके कपड़े उतारने का प्रयास किया.