मध्यप्रदेश के छत्तरपुर में हुए पत्थरबाजी की घटना पर बुलडोजर एक्शन हुआ, जिसके तुरंत बाद ऐसी ही घटना रांची झारखंड से सामने आ गई. दो घटनाएं, दो तारीख लेकिन घटना बिलकुल वैसे ही. छत्तरपुर में पथराव करने वालों पर जहां बुलडोजर एक्शन हुआ तो वहीं जब रांची में ऐसी घटना हुई तो सवाल बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आ गया. पुलिस ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहले पथराव किया. ऐसे ही आरोप मध्य प्रदेश के छतरपुर में लगे थे, जहां पर पुलिस ने आरोप लगाया था कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर पथराव किया. घटना के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा ने प्रदेश ने अध्यक्ष ने ट्वीट कर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी. वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी एक्स पर पोस्ट कर कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कार्रवाई को संविधान पर हमला बताया था.
हालांकि इन दोनों ही घटनाओं की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद लोग इन दोनों ही घटनाओं के तार एक दूसरे से जोड़ने में लग गए और सियासी हलचल तेज हो गई. कांग्रेस लगातर बीजेपी पर निशाना सधता रहा. दूसरी ओर रांची के घटना पर बात करें तो ये घटना छत्तरपुर के दो दिन बाद की है यानी 23 अगस्त की. रांची के मोहराबादी मैदान में भजपा युवा महाक्रोश रैली आयोजित की. इस रैली में राज्यभर से भजपा कार्यकर्ता शामिल हुए थे.
सुरक्षा वयवस्था के लिए पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर रखी थी, लेकिन स्थिति कंट्रोल के बाहर हो गई. इसी बीच बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प हो गई. बीजेपी कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उसने पुलिस पर पथराव किया, जिससे पुलिस को अपने पैर पीछे खींचने पड़ गए.
दरअसल, भाजपा प्रदेश इकाई के नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सीएम आवास का घेराव कर रहे थे. हालांकि पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को सीएम आवास के बाहर विरोध करने की अनुमति नहीं दी थी. इसी दौरान हंगामा शुरू हो गया. रैली में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ समेत बीजेपी के कई विधायक और सांसद शामिल थे. इन लोगों पर भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की गई है.
खबरों के मुताबिक पुलिस ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहले पथराव किया, जिसके बदले में पुलिस ने पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे. साथ ही पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. सीएम आवास के घेराव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने रांची के मोराबादी मैदान में सभा भी किया. रांची पुलिस ने बताया कि भाजपा नेताओं के इन भाषणों को सुनकर युवा आक्रोशित हो रहे थे. उस दौरान करीब 10 हजार की भीड़ मौजूद थी जिसने पुलिस चौकी के गेट और ड्रॉप गेट को तोड़ दिया. पुलिस ने अपने आरोप में यह भी कहा है कि भाजपा कार्यकर्ता अपने जेब पत्थर ले आकर आए थे.
हालांकि इस घटना के होने के बाद सवाल यही पूछा जा रहा है कि क्या जैसे छत्तरपुर में शहजाद के घर पर बुलडोजर चला वैसा ही बीजेपी कार्यकर्ताओं पर भी बुलडोजर एक्शन होगा? हालांकि रैली के दौरान पुलिस कर्मियों के साथ झड़प के आरोप में 51 नामजद और 12000 अज्ञात लोगों के खिलाफ शनिवार को केस दर्ज किया गाय है. इनमें झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा समेत कुछ प्रमुख भाजपा नेताओं के नाम शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि मजिस्ट्रेट के बयान पर रांची के लालपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी. वहीं लालपुर के थाना प्रभारी रूपेश कुमार सिंह ने बताया कि 51 लोगों सहित कुल 12000 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.