आखिर कौन है जयवीर सिंह जो मैनपुरी से उतरे डिंपल यादव के सामने, जानिए पूरी कहानी

Global Bharat 11 Apr 2024 07:11: PM 3 Mins
आखिर कौन है जयवीर सिंह जो मैनपुरी से उतरे डिंपल यादव के सामने, जानिए पूरी कहानी

तो क्या डिंपल यादव चुनाव हार रही है? समाजवादी पार्टी की बहू को एक ऐसा व्यक्ति हराने वाला है जो कभी मुलायम सिंह यादव से मिलने के लिए लाइन में लगता था, लेकिन कहते हैं वक्त बदलता है तो सबकुछ बदल जाता है...डिंपल यादव मुलायाम सिंह यादव की सीट से चुनाव लड़ने वाली है! वहां मुलायम सिंह यादव के जाने के बाद अखिलेश यादव अपना वर्चस्व बनाएं रखना चाहते हैं लेकिन क्या एक गलती हो गई है, और डिंपल चुनाव हार जाएंगी, क्योंकि जिस उम्मीदवार को बीजेपी ने टिकट दिया है उसकी कहानी बहुत दिलचस्प है! 

दरअसल जिन जयवीर सिंह को बीजेपी ने मैनपुरी से उतारा है, उनके बारे में कहा जाता है कि अखिलेश के आंगन में वो पले-बढ़े हैं, लेकिन इसका कतई ये मतलब नहीं है कि वो यादव परिवार से हैं, बल्कि इसका मतलब ये है कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव से भी सियासत के कई दांव-पेंच सीखे हैं, मैनपुरी का बच्चा-बच्चा जिसने भी राजनीति में कदम रखा, वो उनसे काफी प्रभावित रहा, और जयवीर सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही शुरू होती है. 
जयवीर सिंह फिरोजाबाद के करहरा गांव के रहने वाले हैं. उनकी राजनीति की शुरुआत यहीं से हुई है. सबसे पहले वह करहरा के ग्राम प्रधान बने. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए, जहां वे कई पदों पर रहे हैं. इसके बाद वह मैनपुरी की घिरोर लोकसभा सीट से पहली बार 2002 में विधायक बने और उन्हें 2003 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. दूसरी बार साल 2007 में घिरोर सीट से ही जीतकर विधानसभा पहुंचे और राज्यमंत्री बनाए गए. जयवीर सिंह सपा और बसपा दोनों ही पार्टियों की सरकारों में मंत्री रहे हैं. उसके बाद बीजेपी का दामन थाम और बीजेपी ने मैनपुरी से टिकट दिया तो सपा के कद्दावर नेता को हराकर विधायक बने, योगी सरकार में फिलहाल मंत्री हैं. अब सांसदी का चुनाव लड़ेंगे और जीत गए तो मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.

ऐसा माना जाता है कि जयवीर सिंह योगी के काफी ख़ास भी है... यही नहीं राजनीती में जयवीर सिंह के काफी समर्थक  भी हैं. ऐसा माना जाता है कि उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम जैसे केशव प्रसाद मौर्या, ब्रजेश पाठक इन सब से अलग हटकर जयवीर सिंह का एक अलग औरा भी है... जयवीर सिंह के साथ ही साथ उनके परिवार के सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं। उनके बेटे अतुल प्रताप सिंह फिरोजाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। बहू अमृता सिंह ब्लॉक प्रमुख हैं। दूसरी बहू हर्षिता अभी फिरोजाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। परिवार व्यवसाय से जुड़ा है। कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप, रिजार्ट और गाड़ियों का बिजनेस है. मतलब जयवीर सिंह काफी संपन्न नेता हैं, हालांकि डिंपल यादव से उनकी संपत्ति की तुलना तो नहीं हो सकती. लेकिन डिंपल यादव की सियासत को जयवीर सिंह इस चुनाव में जरूर खत्म कर सकते हैं, और ऐसी चर्चा क्यों है, इसे समझने के लिए आपको मैनपुरी सीट का सियासी समीकरण समझना होगा.

मैनपुरी सीट पर यादव समुदाय की संख्या सबसे ज्यादा है, जिसका झुकाव सपा की तरह रहता है. यादव वोटर 4.25 लाख से अधिक हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर शाक्य मतदाता है, जिनकी संख्या करीब 3.25 लाख है. तीसरे नंबर पर ब्राह्मण आते हैं, जोकि 1.20 लाख से अधिक हैं. यहां निर्णायक भूमिका में लोधी वोटर रहते हैं, जिनकी तादाद एक लाख से अधिक है. वहीं, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50 से 60 हजार के बीच है.

जिसकी तरफ वोटर्स का झुकाव ज्यादा होगा, जीत उसे ही मिलेगी, और जयवीर सिंह का दावा है कि पिछला चुनाव डिंपल ने सहानूभूति की वजह से जीता था, पर इस बार वो नहीं जीत पाएंगी. हर नेता के अपने दावे हैं, जीतेगा कौन, हारेगा कौन ये 4 जून को पता चलेगा, फिलहाल आप रैलियों का आनंद लीजिए, लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाइए और सियासी अखाड़े का आनंद लीजिए.

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