ये हैं बीजेपी के वो पांच चेहरे जिनके ऊपर टिकी है नरेंद्र मोदी की महिला पॉलिटिक्स। कौन है ये महिला उम्मीदवार जो कर देती हैं सबकी बोलती बंद? वैसे तो बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची में करीब 17-18 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दिया है लेकिन जो पांच महिला उम्मीदवार सुर्ख़ियों में हैं उनमें सबसे ऊपर नाम है बॉलीवुड की क़्वीन कंगना रानौत का. कंगना रनौत को कौन नहीं जानता अपने बेवक अंदाज़ के लिए वो हमेशा सुर्ख़ियों में रहती हैं. बॉलीवुड में तो अपने बयानों से तहलका मचाती रही है अब इनकी एंट्री राजनीति में हो चुकी है. एंट्री करते ही राहुल की निजी ज़िन्दगी को लेकर कंगना ने जो बयान दिया वो सियासी गलियारों में छा गया है. जिसके बाद से जानकारों का दावा है कि जब राजनीति में एंट्री करते ही कंगना ने अपने बयान से हड़कंप मचा दिया तो ज़रा सोचिए कि अगर कंगना संसद पहुंच गईं तो क्या ही होगा? पार्टी ने इन्हें हिमाचल के मंडी से टिकट दिया है. भले ही कंगना पहली बार चुनाव लड़ रही हैं लेकिन उनके लिए सियासत कोई नया खेल नहीं है, एक्ट्रेस का राजनीति से पुराना नाता है. दरअसल कंगना के परदादा सरजू सिंह रनौत विधायक थे. वहीं उनके दादा एक आईएएस ऑफिसर थे.
बात करते हैं बीजेपी की दिग्गज रहीं दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज की. इनकी बात करें तो बांसुरी स्वराज सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और उन्हें वकालत में 15 साल से ज्यादा का अनुभव है. वे अंग्रेज़ी साहित्य में स्नात्क हैं और लंदन से उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है. उन्हें 2023 में दिल्ली बीजेपी के लीगल सेल का सह-संयोजक बनाया गया था. बता दें कि बांसुरी स्वराज सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों के साथ ही महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार शेयर करती हैं। बांसुरी को मीनाक्षी लेखी की जगह नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. बताया जा रहा है कि बासुंरी को टिकट मिलने के बाद से आम आदमी पार्टी को मिर्चें लग गई हैं.
नवनीत राणा का नाम तो याद ही होगा आपको। जी हाँ जो मुंबई में सीएम हाउस के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर सुर्खियों में आई थीं। बीजेपी ने इन्हें अमरामती सीट से टिकट दिया है। हालांकि नवनीत 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ी थी। तब उन्हें कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन मिला था। इस चुनाव में उन्हें जीत मिली थी। उन्होंने अविभाजित शिवसेना के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री को आनंदराव अदसुल 36,951 वोटों के अंतर से हराया था। लेकिन अब नवनीत बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं. नवनीत ने कई फिल्मों में काम किया है। शादी के बाद उन्होंने फिल्मों को छोड़ राजनीति की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने साल 2014 में एनसीपी के टिकट से अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाईं थीं।
अब आपको बताते हैं पंकजा मुंड़े के बारे में. इन्हे पार्टी ने बीड से प्रत्याशी बनाया है. पंकजा मुंडे का ताल्लुक राजनीति के दिग्गज परिवार से है. पंकजा पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं और बीजेपी के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की भांजी हैं। पंकजा मुंडे का सियासी सफर बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष पद से हुई। 2001 में पंकजा मुंडे बीड जिले की परली विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बनीं। पिछले दिनों पंकजा बीजेपी से नाराज़गी के चलते सुर्ख़ियों में छाई हुई थीं. इनका कहना था कि पार्टी मुझे नज़रअंदाज़ कर रही है. ऐसे में इस बार पार्टी ने टिकट देकर इनकी नाराज़गी दूर कर दी है हालांकि इसके साथ ही इनकी बहन प्रीतम मुंडे का टिकट काट दिया।
पांचवे चेहरा है लॉकेट चटर्जी। पार्टी ने बंगाल की हुगली सीट से एक बार फिर इन पर ही भरोसा जताया है। पश्चिम बंगाल की राजनीति में लॉकेट चटर्जी का जबरदस्त जलवा है। ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर चुकीं लॉकेट पॉलिटिक्स में आने से पहले फिल्मी दुनिया में एक नामचीन शख्सियत थीं। 2014 लोकसभा चुनाव से पहले लॉकेट चटर्जी ने पॉलिटिक्स में कदम रखा और ममता बनर्जी की टीएमसी जॉइन कर ली। हालांकि,पार्टी से कुछ अनबन के बाद उन्होंने पार्टी को छोड़ दिया। साल 2015 में लॉकेट चटर्जी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। साल 2017 में बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की बीजेपी महिला विंग की अध्यक्ष बना दिया। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में लॉकेट ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और शानदार जीत हासिल करते हुए संसद का सफर तय किया। चटर्जी प्रदेश भाजपा की महासचिव भी हैं। लॉकेट चटर्जी को बीजेपी ने बंगाल विधानसभा के लिए भी टिकट दिया था। चटर्जी ममता सरकार के खिलाफ अपने आक्रामक तेवर के लिए जानी जाती हैं। बंगाल में उनकी पहचान एक फायरब्रांड नेता के तौर पर है। पिछले दिनों संदेशखाली मामला सामने आने के बाद इन्होने खूब ममता सरकार की धज्जियां उड़ाई थीं. इससे पहले इनकारोते हुए एक वीडियो भी तेज़ी से वायरल हुआ था.
अब बीजेपी के ये दमदार चेहरे कमाल दिखा पाएंगे या नहीं ये तो चुनाव के नतीजे बताएंगे। लेकिन जानकारों का दावा है कि अगर ये महिलाएं संसद पहुंच गई तो संसद में इनकी आवाज़ जरूर गूंजेगी।