छांगुर की लाल डायरी से खुला बड़ा राज, एक पूर्व आईपीएस और कई नेताओं के नाम

Abhishek Chaturvedi 18 Jul 2025 08:16: PM 3 Mins
छांगुर की लाल डायरी से खुला बड़ा राज, एक पूर्व आईपीएस और कई नेताओं के नाम

• नसरीन के कमरे से मिली लाल डायरी, हर पन्ने में बड़े राज, कई नेताओं के नाम!
• वो पूर्व IPS कौन जिसे छांगुर लड़वाता चुनाव, 90 लाख फंडिग की नई कहानी आई!
• ईडी रेड के बाद गांव में शुरू हुई नई चर्चा, छापेमारी में ईडी को मिली विदेशी चीज

Jalaluddin Changur Baba: जलालुद्दीन ऊर्फ छांगुर अगर मुंह नहीं भी खोलेगा तो आगे की कहानी उसकी डायरी खोलेगी, जांच अधिकारियों को छांगुर की कथित प्रेमिका नसरीन के कमरे से एक लाल डायरी मिली है, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें लिखी है. ख़बर है उस डायरी में लेन-देन से लेकर एक पूर्व आईपीएस और कई राजनेताओं के नाम भी लिखे हैं, जिसके बाद पहला सवाल यही उठ रहा है कि आखिर वो पूर्व आईपीएस कौन है, जिसने छांगुर के अवैध कामों में मदद की.

छांगुर के करीबी बब्बू खान के हवाले से अमर उजाला लिखता है कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी से छांगुर के गहरे रिश्ते रहे हैं. अपनी पहुंच से वो छांगुर को कार्रवाई से भी बचाता रहा है. वो छांगुर को वकील भी उपलब्ध करवा रहा था, यहां तक कि उसी के दम पर छांगुर यूपी पुलिस और एटीएस को चकमा देकर लंबे वक्त तक लखनऊ में डटा रहा. इतना ही नहीं छांगुर की लाल डायरी में ये भी लिखा मिला है कि किस राजनेता को उसने कितने पैसे दिए थे.

लाल डायरी खोलेगा छांगुर के मददगारों के राज

• 2022 के विधानसभा चुनाव में उसने कई नेताओं को मोटी रकम दी
• उत्तरौला के एक पूर्व प्रत्याशी को छांगुर ने 90 लाख की फंडिंग की थी
• हालांकि वो चुनाव में हार गया, लेकिन छांगुर राजनीतिक दांव चलता रहा

चुनाव में आम तौर पर सारा खर्चा खुद ही उठाता था, और अपनी राजनीतिक पहुंच बनाने की कोशिश करता था. पूर्व मंत्री ददन मिश्रा तो ये तक दावा करते हैं कि बलरामपुर और आसपास के जिलों में अपनी पकड़ का छांगुर खूब फायदा उठाता था. वो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को भी प्रभावित करने लगा था. आने वाले दिनों में यूपी में प्रधानी के चुनाव भी होने वाले हैं, पर इस बार छांगुर जेल में होगा, ईडी की टीम उसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है, अगर ईडी के सामने उसने मुंह खोला तो फिर कई राजनेताओं और पूर्व आईपीएस समेत कई अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि बलरामपुर में जो ईडी की टीम 12 ठिकानों पर पहुंची थी, और जिन 20 लोगों से उसने पूछताछ की है, उन सबने कई बड़ी बातें बताई हैं, लेकिन सबसे चौंकाने वाले राज छांगुर के बड़े सहयोगी शहजाद के फोन से मिले हैं.

न्यूज 18 अपनी रिपोर्ट में दावा करता है कि शहजाद के मोबाइल फोन से क्रोएशिया की एक करेंसी की फोटो मिली है, जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं क्या वहां से भी छांगुर के तार जुड़े थे. क्रोएशिया दक्षिण पूर्वी यूरोप का एक देश है, करीब 40-50 करोड़ रुपये के लेन-देन के डॉक्यूमेंट अब तक ईडी के हाथ लग चुके हैं, बाकी के करोड़ों रुपये के दस्तावेजों की तलाश जारी है, क्योंकि ईडी ने अगर कोई भी आरोप लगाया तो उसे कोर्ट में साबित करना होगा, और वहां सबूतों के बगैर काम नहीं चलने वाला. ऐसे मामलों में जांच अधिकारियों के लिए अगर कोई सरकारी गवाह बन जाए, तो केस आसानी से खुल जाता है.

ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि छांगुर से नाराज चल रही नसरीन क्या सरकारी गवाह बनकर उसके काले कारनामों की हर राज खोलेगी, क्योंकि छांगुर ऊर्फ जलालुद्दीन का सारा काला चिट्ठा नसरीन के पास ही है. जो नसरीन करोड़ों की संपत्ति के साथ जिंदगी आराम से गुजार सकती थी, वो छांगुर के पास किस लालच में आई, उसकी नई थ्योरी क्या है, ये भी जांच एजेंसियों को पता लगाना होगा, क्या छांगुर ने भी उसे भी अरबों का सपना दिखाया था, या फिर वो पहले इसके जाल में फंसी और फिर इसकी सबसे करीबी बन गई.

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