सपा सरकार में लेखपाल ने थाने पर बनवा दिया मजार...फिर योगी के एक्शन के बाद मच गया कोहराम

Global Bharat 23 Apr 2024 2 Mins
सपा सरकार में लेखपाल ने थाने पर बनवा दिया मजार...फिर योगी के एक्शन के बाद मच गया कोहराम

योगी आदित्यनाथ फिलहाल दिलों पर राज क्यों कर रहे हैं इसकी एक तस्वीर आपको दिखाते हैं! क्या यूपी में थानों को बंद करके वहां मजार बनाया जाएगा? पुलिस वाले कानून की ड्यूटी न करके मजार में चादर चढ़वाएंगे! UP के ज़िला बलरामपुर में ऐसा क्या हुआ कि 11 साल बाद उस सरकारी लेखपाल को पकड़ा गया जिसने सपा सरकार में अधिकारियों के साथ मिलकर किसी नेता के कहने पर थाने की ज़मीन वहां के मौलानाओं को सौंप दी थी...थाने में यादव दारोगा की कहानी आपने सुनी होगी लेकिन थाने पर मजार का ये नया किस्सा है! हैरानी की बात ये हैं कि वहां मुस्लिम लेखपाल को अपने काम से ज्यादा अपने धर्म की चिंता थी, लेकिन योगी की पुलिस ने उसे रिटायर होने के बाद भी गिरफ्तार कर लिया...पहले सुनिए पूरी कहानी फिर आपको बताते हैं किस नेता के कहने पर उसने थाने की ज़मीन पर मजार बनवा दिया था... 
थाना सादुल्लानगर पुलिस टीम द्वारा भू-माफिया को किया गया गिरफ्तार

ये मामला इतना बड़ा था कि जब UP पुलिस ने एक्शन लेना शुरू किया तो समाजवादी पार्टी के एक विधायक का नाम भी आया...पुलिस के मुताबिक साल 2013 में सादुल्लानगर थाने की जमीन पर जबरन कब्ज़ा कर के मजार बनाने के मामले में केस दर्ज कर के जब जाँच की गई. इस जाँच में तत्कालीन लेखपाल मोहम्मद सईद का भी नाम सामने आया. मोहम्मद सईद ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए फर्जी कागजात तैयार करवाए थे. उसने सरकारी कागजों में हेराफेरी भी की. सईद को न्यायालय में पेश कर के जेल भेज दिया गया है. पर सवाल उठता है वो विधायक कौन था? 
https://x.com/balrampurpolice/status/1775110956508434814 

साल 2013 में पुलिस वालों को ही धौंस दिखा कर समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने थाने की ही जमीन कब्ज़ा ली थी…ये सब उसके इशारे पर होता है, हालांकि इस घटना के पहले योगी सरकार ने सपा विधायक की 20 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली थी, लेकिन इस नए मांमले ने खुद पुलिस को भी चौंका दिया था, क्योंकि जहां थाना बनने की ज़मीन अलॉट हुई थी वहां पक्की मजार बना कर उसे मजार शरीफ शहीद ए मिल्लत अब्दुल कुद्दूस शाह रहमतुल्लाह अलैह नाम दे दिया दिया गया था…बलरामपुर पुलिस ने सईद से पहले मारूफ अनवर हाशमी को गिरफ्तार किया था…मारूफ की गिरफ्तारी 1 अप्रैल, 2024 को FIR दर्ज होते ही कर ली गई थी…मारूफ थाने की जमीन कब्ज़ा कर बनी मजार का मुतव्वली था…वो समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और अखिलेश यादव के करीबी आरिफ अनवर हाशमी का भाई है....

पुलिस स्टेशन की इस जमीन पर सिपाहियों के रहने के लिए बैरकें बनना प्रस्तावित था. लम्बे समय तक ये मामला कोर्ट और अन्य कारणों से लंबित रहा. बलरामपुर पुलिस के वर्तमान अधीक्षक IPS केशव कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और अधीनस्थों को आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. आखिरकार इन सभी आरोपितों पर IPC की धारा 420, 468, 120 बी, 186, 434, 467 और 471 के साथ सार्वजनिक सम्पत्ति क्षति अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.

दरअसल उन दिनों क्या हुआ था ये आपको समझाते है….अखिलेश यादव की सरकार थी...आनन-फानन में सरकार की ताकत का प्रयोग करते हुए मजार की समिति भी बनाई गई...तात्कालीन सपा विधायक आरिफ के सगे भाई मारूफ को इसका मुतवल्ली भी नियुक्त कर दिया गया. आरिफ अनवर ने विधायक रहते हुए थाने की सरकारी जमीन को मजार शरीफ बाबा शहीद ए मिल्ल्त के नाम से कागजातों में दर्ज करवा दिया. शिकायतकर्ता के अनुसार, जहाँ यह मजार बनवाई गई वहाँ कानून-व्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से पुलिस के सिपाहियों की बैरकों का निर्माण होना था.