केंद्र द्वारा वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन की योजना बनाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि इससे पता चलता है कि मोदी सरकार बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करने का इरादा रखती है. ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ काम कर रही है और मीडिया को सूचित कर रही है और संसद को सूचित नहीं कर रही है.
मैं कह सकता हूं कि इस प्रस्तावित संशोधन के बारे में मीडिया में जो कुछ भी लिखा गया है, उससे पता चलता है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है. यह अपने आप में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है. हैदराबाद के सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा शुरू से ही इन बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है और वे "हिंदुत्व एजेंडे" पर काम कर रहे हैं.
अब अगर आप वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन करते हैं, तो प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी और अगर सरकार का नियंत्रण वक्फ बोर्ड पर बढ़ जाता है, तो वक्फ की स्वतंत्रता प्रभावित होगी.
ओवैसी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में लिखा है कि अगर कोई विवादित संपत्ति है, तो ये लोग कहेंगे कि संपत्ति विवादित है और हम उसका सर्वेक्षण करवाएंगे. सर्वेक्षण भाजपा, सीएम द्वारा किया जाएगा और आप जानते हैं कि इसका क्या नतीजा होगा. हमारे भारत में ऐसी कई दरगाहें हैं, जहां भाजपा-आरएसएस का दावा है कि वे दरगाह और मस्जिद नहीं हैं, इसलिए कार्यपालिका न्यायपालिका की शक्ति छीनने की कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि पहले की रिपोर्टों में कहा गया था कि सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन लाने पर विचार कर रही है. रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र सरकार अगले संसद सत्र में अधिनियम में कुल 40 संशोधन लाने की संभावना है.