कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में 30 साल तक साधु के भेष में छिपे एक बांग्लादेशी अपराधी को शनिवार रात गिरफ्तार किया गया. यह घटना किसी बॉलीवुड फिल्म 'जॉली LLB' की कहानी जैसी लगती है. 60 वर्षीय मोहम्मद हाशेम मलिक, जिसे हाशेम अली मलिक के नाम से भी जाना जाता है, बांग्लादेश में कई आपराधिक मामलों में वांछित था. पश्चिम बंगाल विशेष कार्य बल (STF) के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद अब्दुन नूर चौधरी की शिकायत के बाद उसकी तलाश शुरू हुई थी. एक गुप्त सूचना के आधार पर STF और स्थानीय पुलिस ने तेहट्टा क्षेत्र में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया.
प्रारंभिक जांच में मलिक ने स्वीकार किया कि उसने बांग्लादेश में किए गए अपराधों के लिए कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए सीमा पार की थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह पिछले 30 साल से नदिया जिले में साधु बनकर रह रहा था. आरोपी को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल आतंकवादियों के लिए "सुरक्षित ठिकाना" बन गया है. बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा, "बंगाल आतंकवादियों का सुरक्षित अड्डा बन गया है. वे इसे बांग्लादेश बनाने की कोशिश कर रहे हैं. क्या ममता बनर्जी की पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी? उनकी खुफिया इकाई क्या कर रही थी? ऐसे मामले दिखाते हैं कि ममता बनर्जी क्यों बंगाल में विशेष गहन संशोधन (SIR) नहीं चाहतीं. यह उनके वोट बैंक को बचाने की रणनीति है."