नई दिल्ली: बिहार में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के दौरान लगभग तीन लाख मतदाताओं को "संदिग्ध नागरिकता" के लिए नोटिस भेजा गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. ये नाम 1 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल 7.24 करोड़ मतदाताओं में से हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, संदिग्ध मतदाताओं में से कई के बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान से होने की आशंका है.
क्या है मामला?
चुनाव पंजीकरण अधिकारियों (EROs) ने सबसे पहले दस्तावेजों में गड़बड़ियां पकड़ीं, जिसके बाद स्थानीय जांच की गई और फिर नोटिस जारी किए गए. सबसे ज्यादा मामले सीमावर्ती और प्रवासी-प्रधान जिलों जैसे पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया और सुपौल से सामने आए हैं.
चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया, "अब तक 99.11% मतदाताओं ने सत्यापन के लिए दस्तावेज जमा कर दिए हैं." उन्होंने कहा कि अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी, जो संभवतः नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले होगी.
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को मतदाता पंजीकरण के लिए आधार या 11 अन्य निर्दिष्ट दस्तावेजों को स्वीकार करने का निर्देश दिया है. इसके जवाब में, आयोग ने कोर्ट से अपनी चल रही संशोधन प्रक्रिया पर भरोसा रखने की अपील की है.