नई दिल्ली: तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने वरिष्ठ नेता रामचंदर राव को तेलंगाना बीजेपी का अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों पर नाराजगी जताई.
राजा सिंह ने तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को लिखे अपने इस्तीफे में कहा कि यह फैसला उनके लिए ही नहीं, बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और वोटरों के लिए भी "हैरान करने वाला और निराशाजनक" है, जो पार्टी के अच्छे-बुरे वक्त में साथ रहे हैं. उन्होंने लिखा, "यह फैसला न सिर्फ मुझे, बल्कि उन लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और वोटरों के लिए भी झटका है, जो पार्टी के साथ हर उतार-चढ़ाव में खड़े रहे."
उन्होंने कहा कि तेलंगाना में पहली बार बीजेपी सरकार बनाने के मौके पर नेतृत्व का यह चयन "पार्टी की दिशा को लेकर गंभीर सवाल उठाता है." राजा सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोग अपने निजी हितों के लिए केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह कर रहे हैं और पर्दे के पीछे से फैसले ले रहे हैं.
तीन बार के विधायक राजा सिंह ने कहा कि वह अब चुप नहीं रह सकते या यह दिखावा नहीं कर सकते कि पार्टी में सब ठीक है. उन्होंने लिखा, "यह मेरा निजी महत्वाकांक्षा का सवाल नहीं है. यह पत्र उन लाखों समर्पित बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की पीड़ा और हताशा को दर्शाता है, जो खुद को उपेक्षित और अनसुना महसूस कर रहे हैं."
उन्होंने चेतावनी दी कि नेतृत्व में यह बदलाव जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के प्रयासों को कमजोर कर सकता है और पार्टी को "बचने योग्य नुकसान" की ओर धकेल सकता है. उन्होंने कहा, "तेलंगाना में बीजेपी को सत्ता में लाने का यह सबसे अच्छा मौका था, लेकिन यह उम्मीद धीरे-धीरे निराशा और हताशा में बदल रही है, और यह लोगों की वजह से नहीं, बल्कि नेतृत्व की वजह से हो रहा है."
राजा सिंह ने दुख के साथ बीजेपी से इस्तीफा देने की बात कही और किशन रेड्डी से अनुरोध किया कि वे तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को सूचित करें कि वह अब पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करते.